बचपन से ही हमें दूध पीने को कहा जाता है। हमें इसके फायदे बताए जाते हैं। घर के बड़े लोग कहते हैं कि दूध नहीं पियोगे तो ताकत नहीं आएगी, हड्डियां मजबूत नहीं होंगी, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सुहाग रात पर दूध पीने की प्रथा क्यों है।
सुहागरात पर दूध पीने की प्रथा की शुरुआत कहां से शुरू हुई इसके बारे में कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है, लेकिन TV और फिल्मों की वजह से इसे खासी लोकप्रियता मिल गयी है। आइए जानते हैं जानें इसके पीछे का कारण, ये बात कितनी पुख्ता है
मॉडर्न साइंस मानता है कि दूध से सेरोटोनिन नमक हॉर्मोन निकलता है। ये दिमाग को शांत करता है। अगर हम विटामिन और पोषक तत्वों की बात करें तो ये इनका एक बड़ा स्रोत है। शायद इसी कारण से शादी के बाद की पहली रात यानी सुहाग रात को दूध पिया जाता है। जिससे शरीर में आई द्रवों की कमी पूरी हो जाए।
दूध के इन फायदों के बारे में नहीं जानते होंगे आप
दूध पीने की टाइमिंग को लेकर अक्सर संशय बना रहता है। कि इसे कब और कितने मात्रा में पिया जाए तो इससे लाभ होगा और कब पिया जाए तो हानि होगी। रात को दूध का सेवन करने वालों के मन में ये संशय बना रहता है कि रात को दूध पीना फायदेमंद होता है या नुकसानदेह।
वैसे सुबह दूध पीना लाभदायक होता है, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार रात को सोने से पहले दूध पिया जाए लेकिन इसमें तीन घंटे का अंतराल हो ताकि भोजन के बाद अमाशय खाली हो चूका हो। तब ही सोते समय दूध पीने से लाभ होता है।
फैक्ट्स
-अगर दूध पीना जरूरी है, तो सोने से तीन घंटा पहले इसका सेवन करें।
-दूध अधिक देर तक गरम नहीं करना चाहिये।
-आधा किलो दूध अपने गुणों के अनुसार, एक पाव मांस व तीन अंडों से अधिक शक्तिवर्धक है।
-बहुत ठंडे या गर्म दूध की बजाय गुनगुना या कमरे के तापमान के बराबर दूध पीना बेहतर है।
-दूध में मिठास के लिए चीनी न डालें, मीठा दूध कफ कारक होता है।
-चीनी मिलाकर पीने से कैलशियम नष्ट होता है इसमें प्राकृतिक मिठास होती है।
-दूध अपने भारीपन, मिठास और ठंडे मिजाज के कारण कफ प्रवृत्ति को बढ़ाकर नींद लाने में सहायक होता है।
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