विकास वर्मा @ भोपाल। भोपाल रेल मंडल में अब ट्रेन-प्लेटफॉर्म पर खाने की गुणवत्ता, ओवरचार्जिंग, यात्रियों से दुव्र्यवहार की शिकायतें कम्प्लेन बुक और टोल फ्री नंबर पर कम हो गई हैं। इन दोनों माध्यमों से आने वाली शिकायतों में दो साल के भीतर करीब 55 प्रतिशत तक की कमी आई है। बल्कि अब यात्रियों ने शिकायत करने का जरिया बदल दिया है। कम्प्लेंट बुक और टोल फ्री नंबर पर शिकायत करने पर क्विक रिस्पांस नहीं मिलता था, तो यात्रियों ने अब ट्विटर का सहारा लिया है। जहां कम्प्लेन बुक की शिकायतों का समाधान 7-8 दिन में होता था वहीं ट्विटर पर की गई शिकायत पर चंद घंटों, कई बार मिनटों में एक्शन लिया जाता है।
कई बार ट्विटर पर आने वाली शिकायतों पर खुद केंद्रीय रेलमंत्री ने कार्रवाई करवाई है। डीआरएम स्तर के अधिकारी तो लगातार ट्विटर पर सक्रिय रहने लगे हैं। भोपाल मंडल को कम्प्लेन बुक पर वर्ष 2013-14 में 130, 2014-15 में 92, 2015-16 में 43 और इस वित्तीय वर्ष में अब तक सिर्फ 13 शिकायतें मिलीं हैं।
भोपाल के डीआरएम भी ट्विटर पर एक्टिव
भोपाल रेल मंडल के डीआरएम आलोक कुमार करीब एक साल पहले, 10 सितंबर 2015 से ट्विटर पर आए हैं। उनका ट्विटर हैंडल @DRMbhopal है। ‘पत्रिका’ ने जब डीआरएम भोपाल का ट्विटर अकाउंट एनालिसिस किया तो पता लगा कि इस पर रोजाना करीब 10 से 15 शिकायतें आती हैं। इनमें से कई शिकायतों पर 24 घंटे में ही एक्शन लिया गया। खास बात यह है कि डीआरएम के ट्विटर हैंडल पर सीधी शिकायत नाममात्र की होती हैं, 99 फीसदी शिकायतें रेलवे बोर्ड व रेलमंत्री के ट्विटर हैंडल से ट्रांसफर होकर आती हैं। डीआरएम के ट्विटर हैंडल पर शिकायतों का दौर 29 जनवरी 2016 से शुरू हुआ है। पिछले सात महीनों में ट्वीट्स और रिप्लाई की संख्या 3,585 तक पहुंच चुकी है।
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