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पड़ताल में हुआ खुलासा
हालांकि, इस व्यवस्था पर चौंकाने वाली बात सामने आई है। प्रशासन प्याज के जिन दामों को भोपाल के लोगों के लिए राहत बता रहा है, दरअसल वो राहत नहीं बल्कि व्यापार है। पत्रिका द्वारा की गई पड़ताल में सामने आया कि, भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े द्वारा प्याज के दामों को 50 रुपये प्रति किलो की दर से निर्धारित किया है। लेकिन, जो प्याज शहर में खुले सरकारी केन्द्रों पर 50 रुपये प्रति किलो की दर से पिछले तीन दिनों से बेची जा रही है। वही प्याज भोपाल की ही नवबहार सब्जी मंडी में पिछले आठ दिनों से 40 रुपये प्रति किलों की दर से बिक रही है।
ये हैं राहत के मायने
इसका सीधा मतलब ये हुआ कि, प्रशासन द्वारा प्याज को इस दाम पर बेचकर लोगों को राहत नहीं दी जा रही, बल्कि मंडी के व्यापारियों का हक मारकर बड़ा मुनाफा अपनी झोली में डालकर शहर के लोगों से व्यापार किया जा रहा है। ये कहना भी गलत नहीं होगा कि, ऐसा करके लोगों को ठगा जा रहा है। क्योंकि, राहत के मायने तो होते कि जिस प्याज की कीमत बाजार में 40 रुपये है, उसे 20 से 30 में लोगों को मुहैय्या कराया जाता।
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सबसे बढ़िया प्याज बिक रही है 50
भोपाल मंडी के एक व्यापारी जाहिद अली ने इसपर चौंकाने वाली जानकारी दी। उनका कहना है कि, प्रशासन ने लोगों को राहत देने के लिए 50 रुपये प्रति किलो की दर से दाम निर्धारित किये हैं। हालांकि, जो प्याज शहर में चार स्थानों पर काउंटर लगाकर 50 रुपये किलो की दर से बेची जा रही है। उस प्याज के नवबहार सब्जी मंडी में दाम 40 रुपये है। इसपर भी व्यापारी को मुनाफा मिल रहा है। वहीं, पंद्रह दिनों पहले तक प्याज के दाम ज्यादा थे। उस समय प्याज की आवक नहीं थी और त्योहारी सीजन होने के कारण रेट ज्यादा था, जिसके चलते शहर में करीब दो से तीन दिन प्याज 70 से 80 रुपये किलो के हिसाब से बिकी थी। लेकिन, फिर डिमांड कम होने से रेट में धीरे धीरे स्थिरता आ गई। पिछले दस दिनों से अच्छी प्याज के दाम शहर में 50 रुपये किलो से ज्यादा नहीं हुए हैं।
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इतने में खरीदी जा रही है सरकारी केन्द्रों की प्याज
जाहिद अली के मुताबिक, पिछले तीन-चार दिनों से तो शहर में नई प्याज की आवक भी शुरु हो गई है। जिसके चलते प्याज के दामों में रोजाना गिरावट भी आ रही है। यानी जिस प्याज को कल हमने 40 रुपये किलो के भाव से खरीदा था, आज वहीं हमें 37 रुपये के भाव से मिली है। इस हिसाब से मंडी में रोजाना प्याज के दाम में दो-पांच रुपये की कमी आ रही है। लेकिन, सरकारी दुकानों पर इन गिरते दामों का कोई असर नहीं है, वो पिछले तीन दिनों से 50 रुपये प्रति किलो की दर से ही प्याज की बिक्री कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि, सरकारी काउंटरों पर जो प्याज बेची जा रही है। वो नासिक से लाई गई, चटक लाल रंग की नई प्याज है, जो ज्यादा दिन रखने वाली प्याज नही है। इसे बाजार से 35 से 37 रुपये किलो की दर से खरीदा जा रहा है और शहर की जनता को 50 रुपये किलो में बेचा रहा है।
दोनो को हो रहा है इसका नुकसान
जाहिद ने बताया कि, प्याज की आवक शुरु होने के बाद हालात सामान्य होने लगे हैं। अगले कुछ ही दिनों में प्याज के दाम पूरी तरह सामान्य हो जाएंगे। लेकिन, लोगों में ऐसी भ्रामकता फैलाई गई है मानों प्याज पर इमरजेंसी लगी हो, जिसे सरकार के संरक्षण में बैचना पड़ रहा है। इसका सीधा असर हमारे व्यापार पर भी पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि, अब बाजार में इतनी प्याज है कि, उसके दाम और भी कम हो जाने चाहिए थे, लेकिन प्रशासन से 50 रुपये किलो की दर से बेचने की परमीशन प्राप्त व्यापारी हमारे मुकाबले एक-दो रुपये ज्यादा दाम में किसान से प्याज खरीद रहे हैं, क्योंकि उनकी प्याज तो महंगे दाम में बिक ही जाएगी। लेकिन, इसका असर लोगों की जेब पर भी पड़ रहा है और हमारे व्यापार पर भी।
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रोजाना गिर रहे दाम, लेकिन प्रशासन को नहीं दिया जा रहा अपडेट
उन्होंने यहां तक बताया कि, प्रशासन द्वारा वक्त के अनुसार एक राशि निर्धारित कर दी गई थी। लेकिन, मंडी में प्याज की आवक बढ़ने से रोजाना दामों में गिरावट आ रही है। बावजूद इसके ये व्यापारी गिरते दामों का अपडेट प्रशासन तक नहीं दे रहे हैं। एक तरफ तो ये लोग सस्ते दामों में प्याज खरीदकर उसे महंगे दाम में नए शहर के लोगों को बेच रहे हैं। वहीं, ये भी सामने आया है कि, ये लोग प्रशासन को 50 में बेची जा रही प्याज के दाम 60 रुपये किलो बताकर वहां से भी इसपर अच्छा खास हरजाना ले रहे हैं। तो कुल मिलाकर बात ये है कि, प्रशासन ने जिसे लोगों की राहत का जरिया बताया था, कहीं ना कहीं अब वही लोगों से धांधली का बड़ा कारण बनता जा रहा है।