इन 20 दिन में जीवन में क्या बदलाव आया, जब उनसे यह सवाल किया तो उनका दो टूक जवाब था कि राजनीति मेरा विषय नहीं है। मेरा विषय परिवार है, ससुर पूनमचंद यादव 97 साल के हैं। उनकी सेवा मेरा धर्म है। मैं उज्जैन में रहकर अपना धर्म निभाऊंगी। सीएम की पत्नी ने पहली बार किसी अखबार से बातचीत की, प्रस्तुत हैं ‘पत्रिका’ से उनकी चर्चा के अंश…
प्रश्न- क्या आप राजनीति में पति का सहयोग करेंगी?
उत्तर- राजनीति उनका विषय है और घर मेरा, मैं उनके काम में हस्ताक्षेप नहीं करती हूं। मेरे ससुर 97 साल के है उनकी सेवा करना मेरा धर्म और कर्तव्य है। मैं उज्जैन में ही रहकर उनकी सेवा करुंगी।
प्रश्न- आपके जीवन में किसी तरह का परिवर्तन आया है?
उत्तर- मेरे जीवन जैसा था, वैसा ही है। हां घर में थोड़ा आना-जाना बढ़ा है। मैं पहले की ही तरह अपने रोज-मर्रा के काम करती हूं। घर-परिवार का ध्यान रखती हूं।
प्रश्न- आप मुख्यमंत्री की पत्नी हैं, कैसा महसूस करतीं हैं?
उत्तर- मैं काफी खुश हूं। उन्होंने काफी संघर्ष किया है। भगवान महाकाल के आशीर्वाद और संघर्ष के कारण उनको यह पद मिला है।
1994 में हुई शादी
सीएम डॉ. मोहन यादव की पत्नी सीमा यादव ने रीवा से 1989 में भूगोल विषय में एमए किया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यक्रम में मोहन यादव की मुलाकात सीमा के परिजनों से हुई। इसके बाद 1994 में उनकी शादी हुई। वे मोहनA यादव के पहले विधायक और मंत्री रहते हुए भी उज्जैन में ही गीता कॉलोनी में रहती हैं।