Must See: मीटर रीडर नहीं कर सकेगा परेशान शुरू हुई नई व्यवस्था
बिजली चोरी प्रकरण के लिए दिया गया टार्गेट– महाप्रबंधक ओएंडएम को 05 प्रकरण
– महाप्रबंधक सतर्कता को 10 प्रकरण
– उपमहाप्रबंधक सतर्कता को 10 प्रकरण
– प्रबंधक- सहायक प्रबंधक सतर्कता को 70 प्रकरण
– प्रबंधक ओएंडएम को 15 प्रकरण
– सहायक प्रबंधक ओएंडएम को 20 प्रकरण
– प्रबंधक सिविल, भंडार व अन्य को 10 प्रकरण
– सहायक प्रबंधक सिविल, भंडार व अन्य को 10 प्रकरण बनाने पर ही वेतन मिलेगा। इसे पूरा न करने पर ही वेतन रोका गया है।
अब इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गई। कांग्रेस नेता कंपनी प्रबंधन के इसे सरकार का फैसला बताते हुए ब्रिटिश राज से तुलना कर रहे हैं। जिन कर्मचारियों- इंजीनियरों को बेतन नहीं मिला, उन्होंने ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से भी मुलाकात की। यहां से वेतन दिलाने का आश्वासन दिया गया।
Must See: हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलने की पोस्ट वायरल
कंपनी ने बिजली चोरी रोकने विजिलेंस के अलावा इंजीनियरिंग स्टाफ को भी लक्ष्य दिया है। इसमें जोन प्रबंधन से उप महाप्रबंधक शामिल हैं। सबको एक महीने में कम से कम 10 केस का लक्ष्य था, लेकिन करीब 400 ने ये लक्ष्य प्राप्त नहीं किया। बिजली आपूर्ति और प्रबंधन में लगे इंजीनियरिंग स्टाफ का कहना है कि बिजली चोरी धरपकड़ के लिए विजिलेंस शाखा है, उसकी मदद की जाती है, लेकिन व्यक्तिगततौर पर इस तरह का लक्ष्य बिजली आपूर्ति और अन्य कामों में बाधक बनता है।
Must See: भारतीय सेना को फाइवर बॉडी वाली एक लाख मल्टी मोड हैंड ग्रेनेड
इनके पक्ष में बिजली कर्मचारी संगठन भी आ गए है। अभियंता संघ के वीकेएस परिहार का कहना है कि विजिलेंस को छोड़कर बाकी सभी शाखाओं के इंजीनियरों पर कार्रवाई की गई है जो गलत है। उन्होंने बताया कि ये कर्मचारी सेवा शर्तों के भी विपरीत है। किसी भी कर्मचारी का इस तरह बेतन नहीं रोका जा सकता।