केंद्र सरकार के फैसले के बाद कई राज्यों ने 2005 में कर्मचारियों की पेंशन योजना को एक प्रकार से बंद करते हुए नए स्वरूप में लागू किया था। इससे उनकी पेंशन काफी कम हो गई थी। कर्मचारी वर्ग समय-समय पर दोबारा से पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग करते रहे हैं। गौरतलब है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नई पेंशन योजना (national pension system, nps) लागू है। केंद्र ने 1 जनवरी 2004 को या उसके बाद सरकारी सेवा में आए अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एनपीएस की शुरुआत की है।
राजस्थान की तरह एमपी में भी लागू करो योजना
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने शुक्रवार को पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग शिवराज सरकार से की है। इस संबंध में कमलनाथ ने ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने राजस्थान सरकार के इस फैसले को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
लागू करें पुरानी पेंशन
कमलनाथ ने कहा है कि मैं मांग करता हूं कि मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार भी प्रदेश के कर्मचारियों के हित में पुरानी पेंशन प्रणाली को प्रदेश में तत्काल लागू करे। कर्मचारियों के हित में 1 जून 2005 के पहले की पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू किया जाए।
कांग्रेस विधायक भी उतरे समर्थन में
कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने भी कहा है कि पुरानी पेंशन को लेकर सदन में आवाज उठाई जाएगी। राजस्थान की तरह मध्यप्रदेश में भी पुरानी पेंशन को बहाल कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि सदन से संसद तक कांग्रेस कर्मचारियों के लिए लड़ाई लड़ेगी।
विवेक तन्खा ने किया ट्वीट
कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने राजस्थान की तरह मध्यप्रदेश में भी सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से कर्मचारियों के हित में फैसला लेने की अपील की है।
नई स्कीम से जीवन यापन मुश्किल
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमा शंकर तिवारी कहते हैं कि शिवराज सरकार को अविलंब कर्मचारियों की पुरानी पेंशन प्रणाली को लागू करना चाहिए। नई पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को काफी कम पेंशन की राशि मिलेगी, जिससे उनका और परिवार का जीवन यापन करना मुश्किल होगा। क्योंकि सेवानिवृत्ति के बाद ही कर्मचारियों बीमारी की गिरफ्त में भी आ जाते हैं, ऐसे में पुरानी पेंशन स्कीम ही सभी सरकारी कर्मचारियों को राहत देंगी।
तिवारी ने कहा कि सरकारें आती हैं और चले जाती हैं, लेकिन कर्मचारियों का दर्द कोई नहीं समझता। सत्ता से बाहर आने के बाद उन्हें कर्मचारियों का दर्द नजर आता है। इसलिए शिवराज सरकार को भी हिम्मत दिखाते हुए कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करना चाहिए, जिससे प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को बुढ़ापे का सहारा मिल जाए।
इंदौर में एक्टिव हुए सरकारी कर्मचारी
उधर इंदौर से खबर है कि पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के प्रांतीय यूनिट के आह्वान पर इंदौर में न्यू पेंशनधारी शिक्षक कर्मचारी अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने जल्द से जल्द पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग की है।