बिजली कर्मचारी DA और वेतनवृद्धि के एरियर की राशि नहीं मिलने से वे नाराज हैं। 2 दिन पहले उन्होंने हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी थी। रविवार को भी तमाम कर्मचारी संगठन हड़ताल करने की बात पर अड़े रहे। मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पॉवर एम्पलाइज एंड इंजीनियर्स संगठन के आह्वान पर यह हड़ताल हो रही है।
हड़ताल के कारण फॉल्ट सुधार, मेंटेनेंस जैसे कई कामों पर असर पड़ेगा। बिजली कंपनियों द्वारा कर्मचारियों की मांगों पर उचित निर्णय नहीं लिए जाने के कारण कर्मचारी संगठनों ने 1 नवंबर से असहयोग आंदोलन की शुरुआत करने की घोषणा की थी. हड़ताल में करीब 29 हजार नियमित, 6 हजार संविदा और 35 हजार आउटसोर्स कर्मचारी भी शामिल होंगे।
हड़ताल से ये काम होंगे प्रभावित
बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से आम उपभोक्ता बहुत प्रभावित होंगे. इससे जहां मेंटेनेंस कार्य प्रभावित होगा वहीं हड़तालरत कर्मचारी घरों व व्यावसायिक इलाकों की बिजली सप्लाई में आने वाले फॉल्ट नहीं सुधारेंगे। बिजली कर्मचारी दफ्तरों में बिल जमा करने और बकाया राशि की वसूली भी नहीं करेंगे।
बिजली कर्मचारी संगठनों का कहना है कि CM शिवराज सिंह चौहान द्वारा महंगाई भत्ता और वेतनवृद्धि की एरियर्स की बकाया राशि के भुगतान की घोषणा पर अमल करने के लिए प्रदेश की बिजली कंपनियों ने अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है. 4 नवंबर को दीपावली जैसा महापर्व है, इसके बाद भी कंपनी प्रबंधन अनदेखी कर रहा है।
बिजली कर्मचारी संगठनों ने इस संबंध में 28 अक्टूबर को ऊर्जा मंत्री को भी पत्र लिखा था. पत्र में महंगाई भत्ता- वेतनवृद्धि की राशि समेत अन्य 5 सूत्री मांगों के निराकरण करने की मांग की गई थी। फिर भी कंपनियों ने जब कोई निर्णय नहीं लिया तो 1 नवंबर से फिर से आंदोलन की राह पर चलने की घोषणा कर दी गई.