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यहां नौनिहाल थे तेज गर्मी में बिना व्यवस्थाओं के पढ़ने को मजबूर
प्राथमिक और माध्यमिक शाला अधोसंरचना संरक्षण और विकास योजना में सरकार के पास 4 करोड़ 23 लाख 25 हजार 310 रुपये पहले से जमा थे। इसमें से सरकार ने प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में नौनिहाल अभी भी तेज गर्मी में बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं। क्योंकि, इन शिक्षालयों में अब तक हवा के लिए पंखे नहीं हैं। इसका कारण ये है कि, यहां अब तक बिजली व्यवस्था ही नहीं है।
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मिलेंगी ये सुविधाएं
इसके साथ ही इन स्कूलों में छात्रों को कंप्यूटर का ज्ञान देने और शहरों जैसी स्मार्ट क्लास भी संचालित करना संभव नहीं है। क्योंकि, इन सब चीजों को सुचारू करने में इस्तेमाल होने वाली बिजली ही इन स्कूलों में अब तक नहीं है। सरकार के इस फैसले के बाद अब सुदूर ग्रामीण अंचलों के स्कूल भी रोशन हो सकेंगे। साथ ही, गर्मियों के दिनों में यहां पढ़ने वाले बच्चे कूलर, पंखे की शीतल हवा का आंनंद ले सकेंगे।
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रोशनी के लिए मंजूर हुए 26 करोड़
अब तक प्रदेश के जिन स्कूलों में बिजली नहीं थी, उनके लिए सरकार ने 26 करोड़ 84 लाख 65 हजार रुपये की स्वीकृति दे दी है। इसमें से पहले चरण में 4 करोड़ 22 लाख रुपये आवंटित भी किये जा चुके हैं।
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शिक्षा केन्द्रों तक सरकार ने पहुंचाई राशि
प्रदेश के सभी 52 जिलों के सभी बिजली विहीन स्कूलों में बिजली पहुंचाई जाने की कवायद शुरु हो जाएगी। सरकार ने सभी स्कूलों में सभी जिला शिक्षा केन्द्रों को तय राशि पहुंचा दी है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, अब जल्द ही प्रदेश के सभी स्कूलों में बिजली को लेकर एक जैसी व्यवसथाएं होंगी।
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वो जिले जिनमें सबसे ज्यादा हैं बिजली विहीन स्कूल