मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की ओर से शनिवार 29 अक्टूबर और रविवार 30 अक्टूबर को बिजली बिल भुगतान केंद्रों को सामान्य कार्य दिनों की ही तरह खोले रखने की व्यवस्था की गई है। भोपाल शहर वृत्त के अंतर्गत चारों शहर संभाग यथा पश्चिम, पूर्व, दक्षिण तथा उत्तर संभाग के अंतर्गत सभी जोनल कार्यालयों के साथ साथ दानिश नगर, मिसरोद, मंडीदीप में बिल भुगतान केंद्र उक्त छुट्टी के दिन भी सामान्य दिनों की तरह ही खोले जाएंगे। इस दौरान बिजली उपभोक्ताओं से अपील की गई है कि, वो राजधानी के जोनल दफ्तर के कैश काउंटरों के साथ साथ शहर में अलग अलग इलाकों में लगी ATP मशीन के जरिए अपना बकाया बिजली बिल जमा कर सकते हैं।
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ऑनलाइन पैमेंट से मिलेगी छूट
यहीं नहीं विद्युत विभाग की ओर से बिल भुगतान के ऑनलाइन सुविधा भी है। बिलों के भुगतान की सुविधा एम.पी.ऑनलाईन, कॉमन सर्विस सेंटर, कंपनी पोर्टल portal.mpcz.in (नेट बैंकिंग, क्रेडिट/डेबिट कार्ड, यूपीआई, ईसीएस, बीबीपीएस, कैश कार्ड एवं वॉलेट आदि) अन्य पेमेंट एप के माध्यम से भी बिल भुगतान कर सकते हैं। विभाग के अनुसार, कंपनी कार्यक्षेत्र के सभी 16 जिलों में बिजली वितरण केंद्र/बिल भुगतान केंद्र अवकाश के दिन भी खुलेंगे। इसके लिए सभी मैदानी महाप्रबंधकों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
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इस तरह उपभोक्ताओं को मिल सकेगी सस्ती बिजली- ऊर्जा मंत्री
इस संबंध में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि, रिसोर्स एडीक्वेसी प्लान से बिजली उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर 24 घंटे विश्वसनीय और पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। इस प्लान से बिजली की जरूरतों का आकलन बेहतर ढ़ंग से किया जा सकेगा। मध्य प्रदेश इसे प्राथमिकता से लागू करेगा। मौजूदा मय में प्रदेश में घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे और कृषि के लिए 10 घंटे बिजली सप्लाई की व्यवस्था है। भोपाल में आयोजित पश्चिम क्षेत्र के राज्यों की कार्यशाला के सार्थक परिणाम सामने आएंगे। साथ ही, पारम्परिक और गैर पारम्परिक ऊर्जा संसाधनों का सही इस्तेमाल हो सकेगा।
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मध्यप्रदेश समेत इन राज्यों में शुरु हो रहा पायलेट प्रोजेक्ट
अध्यक्ष केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण तथा पदेन सचिव केन्द्र सरकार घनश्याम प्रसाद के अनुसार, रिसोर्स एडीक्वेसी प्लान लागू किये जाने के बाद देश में जहां भी बिजली सरप्लस होगी, उसे वहां दिया जा सकेगा जहां बिजली की जरूरत होगी। इस संबंध में बी तैयारी की जा चुकी है। पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में मध्य प्रदेश, असम, उड़ीसा, तमिलनाडु और पंजाब में कार्य किया जा रहा है। इसे मार्च 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा। ये योजना राज्यों को अधिकतम क्षमता नियोजन और बिजली की खरीद में भी मददगार साबित होगी। इससे उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति की लागत कम की जा सकेगी।
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