बुंदेलखंड क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सात जिले जिनमें सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, दतिया और निवाड़ी आते हैं। यहां की 29 में से 19 सीटों पर भाजपा का कब्जा है, जबकि कांग्रेस के पास सिर्फ आठ ही सीटें हैं। इसके अलावा सपा और बसपा के पास एक – एक सीट है। बीजेपी के लिए 2018 के नतीजे दोहराना आसान नहीं है, इसे पार्टी भी मानकर चल रही है।
यह भी पढ़ें- CM के कार्यक्रम में जा रही ‘लाड़ली बहनों’ से भरी बस पलटी, 3 की मौत, 21 महिलाएं घायल
इसलिए बुंदेलखंड है भाजपा का गढ़
बात करें भाजपा की तो उसके पास इलाके में दिग्गजों की फौज है। राज्य सरकार में कद्दावर मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, नरोत्तम मिश्रा, बृजेंद्र प्रताप सिंह और गोविंद सिंह राजपूत इसी इलाके से आते हैं। वहीं, दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल का संसदीय क्षेत्र दमोह भी इसी इलाके में है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का संसदीय क्षेत्र खजुराहो भी बुंदेलखंड में ही आता है। भाजपा अपने नेताओं के प्रभाव के बल पर यहां जीत का मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहती। उसने इसके लिए प्रयास भी शुरू कर दिए हैं।
यह भी पढ़ें- बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने लगाए चौके-छक्के, देखते रह गए भक्त
चुनावी साल में पहला कार्यक्रम
बुंदेलखंड के पन्ना में गौरव दिवस का आयोजन किया गया। वहीं रेलवे स्टेशन के शिलान्यास और कृषि महाविद्यालय के शिलान्यास की सौगात भी मिली। इन आयोजनों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कृषि मंत्री कमल पटेल, क्षेत्रीय सांसद और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह समेत कई अन्य नेता शामिल हुए। इस तरह भाजपा ने यहां मंच से अपनी ताकत दिखाते हुए चुनावी हुंकार भर दी है।