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एक किस्सा: जब मध्यप्रदेश के भाजपा नेता हो गए थे मोदी से नाराज, यह थी वजह

Ek Kissa: पत्रिका.कॉम पर पढ़िए राजनीतिक किस्सा, जब नरेंद्र मोदी बने थे मध्यप्रदेश के प्रभारी…।

भोपालNov 11, 2021 / 02:14 pm

Manish Gite

मध्यप्रदेश के भाजपा प्रभारी रह चुके हैं नरेंद्र मोदी।

 

भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के दिग्गज नेता सुंदरलाल पटवा ऐसे नेता थे, जिन्हें भाजपा को सींचने का श्रेय जाता है। यहां तक कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के वे राजनीतिक गुरु भी थे। पटवा आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी किस्से आज भी चर्चाओं के केंद्र में रहते हैं।

patrika.com पर पेश है पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा की जयंती पर एक पॉलिटिकल किस्सा…।

 

बात उस समय की है जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुशाभाई ठाकरे थे और नरेंद्र मोदी को राष्ट्रीय महामंत्री के साथ मध्यप्रदेश का भी प्रभारी बना दिया गया था। तब संगठन मंत्री की जिम्मेदारी कृष्णमुरारी मोघे को दी गई थी। मोदी की नियुक्ति पर सुंदरलाल पटवा बेहद नाराज हो गए थे। उस समय यह बात कही जाती थी कि जहां मोदी प्रभारी रहते हैं वहां पार्टी को चुनाव में जीत मिल ही जाती है। यह भी कहा जाता था कि गुजरात के प्रभारी रहते हुए और हिमाचल प्रदेश का प्रभारी रहते हुए उन्होंने भाजपा को जीत दिलाई थी। इसी सिलसिले में मध्यप्रदेश का प्रभार भी दिया गया है। यही बात सुंदरलाल पटवा और कृष्णमुरारी मोघे को पसंद नहीं आई थी। एक पुस्तक ‘राजनीतिकनामा’ में यह रोचक प्रसंग मिलता है। इसी सिलसिले में मोदी का मध्यप्रदेश में आना-जाना लगा रहता था, लेकिन पटवा उन्हें पसंद नहीं करते थे। यहां तक कि पटवा ने उनका बॉयकाट तक कर दिया था। इसके बाद जब पटवा का निधन हुआ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे थे।

 

शिवराज की हमेशा करते थे तारीफ

सुंदरलाल पटवा को शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक गुरु माना जाता है। पटवा कहते थे कि शिवराज का व्यक्तित्व दक्ष प्रशासक का है, जिसे विरासत में ‘बीमारू मध्यप्रदेश’ मिला। अनुभवहीन प्रशासक की आशंका थी, लेकिन शिव ने दिन के 20-22 घंटे लगातार काम किया और योग्य प्रशासकों की टीम खड़ी कर दी। प्रदेश में विकास की उपलब्धियों का नया इतिहास रच दिया।

 

मुख्यमंत्री बोले- सब के दिलों पर राज करते थे पटवा जी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुंदरलाल पटवा की जयंती पर उन्हें याद किया। चौहान ने अपने ट्वीट में कहा कि श्रद्धेय पटवा जी ने राजनीति और दलीय सीमाओं से ऊपर उठकर सब का आदर और सम्मान प्राप्त किया। भारतीय जनता पार्टी के संगठन को जन-जन तक ले जाने में उनके योगदान को हम भुला नहीं सकते हैं। मेरे जैसे कई कार्यकर्ता तैयार करने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा।

 

https://twitter.com/ChouhanShivraj/status/1458680711477489665?ref_src=twsrc%5Etfw


मध्य प्रदेश की प्रगति और विकास को उन्होंने नये आयाम प्रदान किये। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की कल्पना भी उन्हीं की थी, जो साकार हुई। मुख्यमंत्री के नाते भी उन्होंने प्रदेश के विकास और जनता के कल्याण में अमूल्य योगदान दिया।

चौहान ने कहा कि आदरणीय पटवा जी जनता के दिलों पर राज करते थे। उनकी सभा की घोषणा होते ही जनसमूह उमड़ पड़ता था। मैं अपनी और प्रदेश की साढ़े 8 करोड़ जनता की ओर से उनके चरणों में श्रद्धा के सुमन अर्पित करता हूं। उनके बिना मध्य प्रदेश की राजनीति की कल्पना नहीं की जा सकती है। उनकी संगठन क्षमता और वक्तृत्व कला का सब लोहा मानते थे।

https://twitter.com/ChouhanShivraj/status/1458680718087704579?ref_src=twsrc%5Etfw

ऐसा था राजनीतिक करियर

सुंदर लाल पटवा का जन्म 11 नवंबर 1924 को नीमच से 45 किमी दूर कुकड़ेश्वर कस्बे में हुआ था। वे जनता पार्टी की सरकार के दौरान 1980 और भाजपा की सरकार में 1990 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। पटवा पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री 20 जनवरी 1980 को बने थे। जनता पार्टी सरकार के कार्यकाल में वे पहली बार 17 फरवरी 1980 तक ही मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद वर्ष 1990 में राज्य में भाजपा की सरकार बनी। उस समय सुंदर लाल पटवा ने 5 मार्च 1990 से 15 दिसंबर 1992 तक मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली। उस समय राष्ट्रपति शासन लगाने के कारण उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। पटवा 1997 में छिंदवाड़ा लोकसभा के उपचुनाव में पहली बार सांसद बने थे।

 

 

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