Must see: कोरोना की तीसरी लहर से बचपन बचाने की तैयारी
अन एडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के सचिव बिन्नी राज मोदी ने बताया कि स्कूलों में नए प्रवेश न के बराबर हैं। बड़ी कक्षाओं के बच्चे एक से दूसरी क्लास में जा रहे हैं, लेकिन पहली में 20 फीसदी प्रवेश भी नहीं हुए हैं। यह स्कूल जाने की उम्र में आ चुके बच्चों के लिए ठीक नहीं है।
Must see: एक तिहाई आबादी कोरोना वैक्सीन से दूर
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन (एमपी बोर्ड) प्रांताध्यक्ष, अजीत सिंह ने कहा कि इस समय निजी और सरकारी किसी तरह के स्कूल नहीं लग रहे हैं, ऐसे में स्कूलों में न तो एडमिशन हो रहे हैं, न ही टीसी का पता चल पा रहा है, लेकिन यह तय है कि पहली कक्षा या अन्य में जो नए एडमिशन आते थे वे शून्य हैं। इसके चलते स्कूलों पर विपरीत असर पड़ रहा है वहीं एक पीढ़ी पढ़ाई की पहली सीढ़ी से वंचित हो रही है।
Must see: MP में कोरोना के ताजा आंकड़े
विजन कृष्णा ग्रुप ऑफ फाउंडेशन स्कूल की डायरेक्टर, डॉ सीमा सक्सेना ने बताया कि प्ले ग्रुप या प्री नर्सरी में हर साल में 150 से 200 एडमिशन मिल जाते थे। लेकिन इस साल 20 से 30 एडमिशन ही आए हैं। शहर में होशंगाबाद रोड पर 50 से अधिक स्कूल हैं। ऐसे में शहर छोटे-बड़े सभी नर्सरी मिला लिए जाएं तो हजारों की संख्या में हैं। इनमें से अधिकतर में बहुत ही कम एडमिशन आए हैं। यह बेहद गंभीर स्थिति है।