भोपाल

सौरभ शर्मा के घर और दफ्तर में ED Raid, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में कार्रवाई, दुबई नहीं आरोपी के यहां छिपे होने की खबर

ED Raid : RTO के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के के घर और दफ्तर पर शुक्रवार को ईडी ने भी छापामार कार्रवाई शुरु कर दी है। प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने राजधानी भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर स्थित ठिकानों पर एक के बाद एक ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरु की है।

भोपालDec 27, 2024 / 01:34 pm

Faiz

ED Raid : मध्य प्रदेश में आरटीओ विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद अब शुक्रवार को ईडी ने भ छापामार कार्रवाई शुरु कर दी है। बता दे कि प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने राजधानी भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर स्थित ठिकानों पर एक के बाद एक ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरु कर दी है। ईडी की टीम मेटल डिटेक्टर समेत कई आधुनिक उपकरण लेकर सौरभ के घर और दफ्तर पहुंची है। फिलहाल, अधिकारी सर्चिंग में जुटे हुए हैं। इधर, ग्वालियर में भी कार्रवाई शुरु हो गई है। विनय नगर स्थित मकान पर इनकम टैक्स समेत अन्य जांच एजेंसी ने दबिश दी है। सीआरपीएफ के जवानों की मौजूदगी में छापामार कार्रवाई की जा रही है। इधर, एक जानकारी ये भी सामने आई है कि, सौरभ दुबई में नहीं, बल्कि ग्वालियर में कहीं छिपा बैठा है। फिलहाल, जांच एजेंसियां उसे तलाशने के हर संभव प्रयास में जुटी हुई हैं।
बता दें कि ईडी की टीम पहली बार सौरभ शर्मा के भोपाल स्थित निवास और दफ्तर पर पहुंची। यहां दर्जनभर अधिकारी मेटल डिटेक्टर समेत कई आधुनिक उपकरण के साथ सर्चिंग कर रहे हैं। याद हो कि लोकायुक्त टीम को इसी दफ्तर से ढाई क्विंटल चांदी बरामद हुई थी। सौरभ ने टाइल्स के अंदर चांदी छिपाकर रखी थी, इसलिए प्रवर्तन निदेशालय के अफसर मेटल डिटेक्टर लेकर पहुंचे है।
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सौरभ के पास से मिला अकूत धन का अंबार

दरअसल, लोकायुक्त टीम ने परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापा मारा था। जहां से 235 किलो चांदी और 2.95 करोड़ रुपए कैश मिले थे। वहीं 19 दिसंबर की देर रात मेंडोरी के जंगल से एक कार से 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपए कैश आईटी की टीम ने बरामद किया था। घर के सामान, आभूषण और नगद जिसकी कुल कीमत 3 करोड़ 86 लाख रुपए आंकी गई है।

सहयोगी के ठिकाने से भी मिले करोड़ों

वहीं, आरोपी के कार्यालय जहां उनका सहयोगी चेतन सिंह गौर का निवास भी है, वहां से चांदी और नगद, कुल 4 करोड़ 12 लाख की संपत्ति बरामद हुई थी। बताया जा रहा है कि प्रदेश के अलग-अलग जगह पर बेनामी संपत्ति के दस्तावेज भी मिले थे। सौरभ शर्मा को पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। उन्होंने सिर्फ 10-12 साल की नौकरी की। इसके बाद परिवहन विभाग से वीआरएस ले लिया था।

आयकर विभाग को मिली डायरी

आयकर विभाग के अधिकारियों के हाथ सौरभ की डायरी लगी, जिससे और भी कई बड़े खुलासे हुए हैं। डायरी की मानें तो परिवहन विभाग में हर साल 100 करोड़ का काला हिसाब होता था। प्रदेश के 52 आरटीओ और बड़े अफसरों के नाम, नंबर, पता के साथ उन्हें हर महीने पहुंचने वाली रकम भी इसी लिखी है। उगाही की काली कमाई का पैसा ऊपर तक पहुंचाने का अनुमान है। सौरभ के सहयोगी चेतन का 150 पन्ने में बयान दर्ज हुआ। चेतन ने अफसरों के साथ कई बड़े नेताओं से सौरभ के गठजोड़ का भी खुलासा किया है।
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मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज

इस मामले में लोकायुक्त, आईटी के बाद ईडी की एंट्री हुई। प्रवर्तन निदेशालय ने सौरभ शर्मा और उसके साथी चेतन के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया था। दुबई से लौटने के बाद सौरभ शर्मा के साथ उसके परिवार तक से पूछताछ होगी।

IT का लुक आउट सर्कुलर, अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज

आयकर विभाग ने सौरभ के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर भी जारी किया। वहीं, दुबई में बैठे सौरभ शर्मा ने अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। गिरफ्तारी से बचने के लिए भोपाल कोर्ट में पिटीशन दायर की थी, लेकिन भोपाल कोर्ट द्वारा याचिका खारिज कर दी गई है। मामले में शुक्रवार यानी आज ही सुनवाई होनी थी, लेकिन वकील के विशेष अनुरोध पर जज ने कल गुरुवार को ही सुनवाई कर दी।

तीनों एजेंसियां जांच में जुटी

सौरव शर्मा के वकील ने अदालत में दलील दी थी कि, आरोपी लोक सेवक नहीं है, इसलिए उसे अग्रिम ज़मानत मिलनी चाहिए। वहीं, न्यायाधीश ने अपने आदेश में उसे लोक सेवक मानते हुए एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया। फिलहाल इस पूरे मामले में लोकायुक्त, आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय, तीनों एजेंसियां जांच में जुटी हुई है।

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