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क्या है एक्जिमा
‘एक्जिमा’ शब्द का प्रयोग विशेष रूप से एटोपिक डर्माटाइटिस की स्थिति को व्यक्त करने के लिए भी किया जाता है। ‘एटोपिक’ एक तरह की एलर्जी का प्रकार होता है। जिसमें ना शांत होने वाली असहनीय खुजली होती है। त्वचा पर जगह जगह लाल चकते हो जाते हैं, जो आगे जाकर अस्थमा रोग का भी कारण बन जाता है। पीने या इस्तेमाल किये जाने वाले दूषित पानी के कारण भी एक्जिमा होने के चांसेस काफी बढ़ जातेहैं। राजधानी भोपाल में भी कई इलाकों का जमीनी पानी काफी दूषित है, जिसके कारण यहां बड़ी आबादी चमड़ी रोग से ग्रस्त है। चिंता की बात ये है कि, अब तक इसका कोई पूर्ण उपचार नहीं है। दवाओं के माध्यम से ये कुछ समय के लिए दब जाता है, लेकिन कुछ समय बाद ये फिर से सामने आ जाता है। लौटकर आने पर ये दोगुनी तेजी से फैलने लगता है। इसलिए आज हम आपको एक्जिमा ख़त्म करने का एक बहुत ही कारगर उपचार बताएंगे, जो जल्दी ही आपकी इस समस्या को ठीक कर देगा। एक्जिमा एक ऐसा रोग है, जिससे सिर्फ शहर ही नहीं बल्कि देशबर में लोग परेशान हैं। इसलिए जितना हो सके इस जानकारी को अन्य लोगों तक पहुंचाएं।
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एक्जिमा का उपचार
खास बात ये है कि, औषधीय गुणों से भरपूर इस मित्रण को आप अपने घर पर ही बड़ी आसानी से बना सकते हैं। इसके लिए आपको 20 ग्राम नीम की छाल, 20 ग्राम पीपल की छाल, 10 ग्राम नौशादर, 20 ग्राम अरंडी का तेल, 2 मदार के पत्ते और 10 ग्राम बबूल की छाल लेनी हैं। इस सभी सामग्री को धूप में सुखा लें और अरंडी के तेल को छोड़ कर सभी चीजों को आपस में पीस लें। इसके बाद इस मिश्रण को अरंडी के तेल में मिलाकर पेस्ट बना लें। इसमें इतना तेल डाला जाता है कि, मिश्रण का पेस्ट बन जाए। इस पेस्ट को आप किसी खुले मुंह की बोतल में भरकर सूरज के सामने 10 दिन तक रखें। इसके बाद जो शेष बचे उसे रोजाना सुबह शाम एक्जिमा पर लगाएं। ऐसा करने से एक महीने में पुराने से पुराना एक्जिमा ख़त्म हो जाता है। इस बात का भी खास ध्यान रखें कि, एक्जिमा वाले स्थान पर किसी तरह का कोई साबुन आदि न लागएं।