लागत मूल्य पर मिलेंगी
काशीदीप गौ उत्पादन केंद्र बरखेड़ी द्वारा गाय के गोबर से गणेश प्रतिमाओं का निर्माण किया जा रहा है। केंद्र की संचालिका कांता यादव ने बताया कि पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) की प्रतिमाओं के कारण पर्यावरण और जल स्रोतों को नुकसान पहुंचता है। पीओपी की प्रतिमाओं में रासायनिक रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसी प्रतिमाओं के विसर्जन से जलस्रोत प्रदूषित हो जाते हैं। कई जलीय जीवों की मृत्यु हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि घरों में ईको फ्रेंडली प्रतिमाओं का निर्माण हो। उन्होंने बताया कि इसके लिए हमारे कें द्र द्वारा गाय के गोबर से प्रतिमाएं तैयार की जा रही है। यह प्रतिमाएं लागत मूल्य पर लोगों को उपलब्ध कराई जाएगी।
ऐसे बनाते हैं गोबर की प्रतिमाएं
कांता यादव ने बताया कि प्रतिमाएं बनाने के लिए सबसे पहले गोबर को सुखाया जाता है। सूखने के बाद गोबर को पीसकर उसका पाउडर बनाते हैं और उस पाउडर में मैदा, लकड़ी पाउडर मिलाकर सांचे से गणेश प्रतिमा तैयार करते हैं। गोबर के गणेश काफी शुभ माने गए हैं। गोबर गणेश की पूजा का भी विशेष महत्व है। बरखेड़ी स्थित राधाकृष्ण मंदिर के सामने काशीदीप गो उत्पादन केंद्र में महिलाओं द्वारा प्रतिमाएं तैयार की जा रही है। गणेश प्रतिमा के अलावा यहां तिरूपति बालाजी, शिवजी सहित अन्य प्रतिमाएं और दीपक तैयार किए जा रहे हैं।