मध्यप्रदेश सरकार ने 1 जनवरी 2025 से मंत्रालय में मैनुअल फाइलों का प्रयोग पूरी तरह बंद कर दिए जाने का निर्णय लिया है। यहां ई-ऑफिस प्रणाली लागू की जाएगी। ई-ऑफिस प्रणाली से फाइलों की डिजिटल रूप में निगरानी की जाएगी। इस प्रणाली के लागू होने से मंत्रालय स्तर पर फाइलों का संचालन अधिक सुगम और तेज़ होगा। काम अटकानेवाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई भी की जा सकेगी।
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एमपी के तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग ने यह पहल की है। फाइलें बंद हो जाने से कागज की खपत में कमी आएगी, जिससे पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी। प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ ही यह पहल राज्य में आधुनिक प्रशासनिक बदलाव लाने में भी सहायक सिद्ध होगी। इससे प्रदेश में कागज के उपयोग में भारी कमी आएगी।
एमपी के तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग ने यह पहल की है। फाइलें बंद हो जाने से कागज की खपत में कमी आएगी, जिससे पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी। प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ ही यह पहल राज्य में आधुनिक प्रशासनिक बदलाव लाने में भी सहायक सिद्ध होगी। इससे प्रदेश में कागज के उपयोग में भारी कमी आएगी।
एमपी में ई-ऑफिस प्रणाली को तीन चरणों में लागू किया जा रहा है। इसके अंतर्गत पहले चरण में 1 जनवरी से मंत्रालय स्तर पर फाइलें बंद होंगी। मंत्रालय के सभी ऑफिस, ई ऑफिस के रूप में ही संचालित होंगे। दूसरे चरण में राज्य सरकार के सभी संचालनालयों में और तीसरे चरण में प्रदेशभर के जिलों में इसे अपनाया जाएगा।
नई प्रणाली में कोई दिक्कत न आए, इसके लिए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को ई-ऑफिस के लिए बाकायदा प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई। सरकारी अमले को प्रशिक्षण की ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराई गई है।