नवरात्र के दसवें दिन को दशहरा का पर्व या विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से शुरू हो जाएगा और 13 अक्टूबर को 9 बजे तक रहेगा। इस दिन कई ऐसे काम हैं जो भूलकर भी नहीं करनी चाहिए। वरना जीवन भर परेशानियां बनी रहती है।
भूल से भी न करें ये काम
अपमान न करें
दशहरा सत्य, धर्म और कर्म का पर्व है। इस दिन किसी भी स्त्री या बड़े बुजुर्ग का अपमान न करें। मान्यता है कि बड़े बुजुर्गों और स्त्रियों का अपमान करने से माता लक्ष्मी आपसे रुष्ट हो सकती हैं।
बुराई से दूर रहें
दशहरा बुराई की हार और अच्छाई की जीत का दिन है। ऐसे में दशहरा के दिन भूल से भी किसी व्यक्ति को नुकसान न पहुंचाएं। बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए ये दिन मनाया जाता है। इस दिन गलत काम करने से बचें और किसी के साथ बुरा न करें। न ही किसी के घर नींबू-मिर्च टांगे।
पेड़ न काटें
अच्छे वातावरण के साथ ही अच्छे स्वास्थ्य के लिए पेड़ पौधे बहुत महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में दशहरा के दिन पेड़ काटना अशुभ माना जाता है। इसलिए विजयदशमी के मौके पर भूल कर भी पेड़ न काटें।
हत्या
विजयदशमी के दिन किसी जीव-जंतु की हत्या न करें। किसी भी जीव को नुकसान न पहुंचाएं। नवरात्रि के दिन मांसाहारी न खाएं। नवरात्रि के दिन किसी को चोट पहुंचाना दुर्भाग्य बदल सकता है।
झूठ और असत्य से दूरी
शहरा असत्य पर सत्य की जीत का दिन है। इसलिए दशहरा के दिन झूठ बोलने या असत्य का साथ देने से बचें। प्रयास करें कि किसी भी तरह की झूठी बातों में आप शामिल न हों।