आपको बता दें कि, NHM की डायरेक्टर प्रियंका दास ने ‘उमंग हेल्थ एंव वेलनेस’ कार्यक्रम के प्रजेंटेशन में आंकड़े बताए हैं, जिसके बाद मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने आंकड़े पेश किए, जिसमें बताया गया कि पिछले 7 साल में सिगरेट पीने वाली लड़कियों की संख्या बढ़कर 9.3 फीसदी के पार जा पहुंची है। यही नहीं, इससे अधिक बीड़ी पीने वाली लड़कियों की संख्या 13.1 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
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ये लड़कियां सबसे अधिक नशे की शिकार
नेशनल हेल्थ मिशन की डायरेक्टर प्रियंका दास के अनुसार, मध्य प्रदेश में हर 100 में से 7 लड़कियां सिगरेट की लत की शिकार हैं, जबकि इन्हीं 100 में से 11 से अदिक लड़कियां बीड़ी पीने की शौकीन हैं।हैरानी की बात तो ये भी है कि, शराब और दूसरे ड्रग्स का सेवन करने वाली लड़कियों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। मध्य प्रदेश में 25 फ़ीसदी युवा लड़के पहले से ही नशे की चपेट में थे। अब लड़कियां भी नशे के मामले में लड़कों के बराबरी से जाम छलकाने लगी हैं। खासतौर पर पढ़ाई के नाम पर घर से बाहर दूसरे शहरों के हॉस्टल या निजी रूम्स में रहने वाली लड़कियों में नशे की लत पाई जाना अधिक मिली है।
सिर्फ शारिरिक नुकसान ही नहीं पहुंचा रहा नशा
खास बात ये है कि, युवाओं में बढ़ती नशे की लत सिर्फ शारिरिक नुकसान ही नहीं बढ़ रही बल्कि ये कई परिवारों को बर्बाद कर रही है। नशे की लत के चलते अपराधिक गतिविधियों में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। नशे की आदत के कारण आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है।
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