घर-घर लगेगा मीटर
कंपनियां पानी सप्लाई का आकलन करने घर-घर मीटर लगाएगी। मीटर से पानी की सप्लाई होगी। पाइप लाइन के रख-रखाव, जल संरक्षण, बिल वसूली, मीटर लगाने का काम कंपनियां खुद करेंगी। हालांकि सरकार और कंपनियों की कितनी साझेदारी होगी, इसके लिए सरकार नीति तय करेगी।
शिवपुरी खंडवा असफलता के बाद काम बंद
कुछ बड़े निकायों ने पीपीपी मोड पर जल वितरण का काम किया था, पर असफल रहे। प्रयोग के तौर पर इंदौर निगम ने कुछ इलाके में पीपीपी मोड पर पानी सप्लाई और वसूली का काम शुरू किया, लेकिन बाद में कंपनियां काम छोड़कर चली गईं। खंडवा और शिवपुरी नगर निगम ने भी पीपीपी मोड पर जल वितरण की शुरुआत की थी, लेकिन मॉडल सफल नहीं होने के कारण फिर से नगर निगमों ने काम अपने हाथों में लिया। इन दोनों शहरों में पीपीपी मॉडल से जल सप्लाई जेएनएनयूआरएम से शुरू की गई थी। भोपाल में भी जल वितरण के लिए कई इलाकों में घर-घर मीटर लगाए, जो आज तक शुरू नहीं हुए।
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पीपीपी मॉडल से पानी देने की बात करना आसान है, लेकिन लागू करना मुश्किल है। प्रदेश के दो शहरों में यह व्यवस्था लागू हुई थी । निकायों को बाद में इस मॉडल से बैकफुट पर आना पड़ा।
-प्रभाकांत कटारे, सेवानिवृत्त इएनसी नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग