लो फ्लोर बसों के बंद होने का सिलसिला जारी
बात करें
भोपाल की तो यहां पहले से चल रही भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड की लो फ्लोर बसों के बंद होने का सिलसिला जारी है। अब तक 150 लो फ्लोर बस बंद होकर डिपो में जंग खा रही हैं। स्पर्धा में शहर के नागरिकों को आधुनिक सुविधाएं इकोनॉमिक पैकेज में उपलब्ध कराने का चैलेंज शहरों को दिया गया है।
भोपाल स्मार्ट सिटी कंपनी इन चैलेंज को पूरा करने नगर निगम के साथ कुछ संयुक्त उपक्रम कर रही है जो पूरे नहीं हो सके हैं।
शहर में ये काम हुए, लेकिन काम नहीं आए
● इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम: सिर्फ चालानी कार्रवाई होती है।
● इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर: आपात हालात में कभी मदद नहीं मिली।
● मल्टी लेवल पार्किंग: पूरे शहर में खाली पड़ी रहती हैं।
● पब्लिक बाइक शेयरिंग: लगभग बंद हो चुकी हैं।
● स्मार्ट सिटी एप: लोगों को इसके बारे में पता नहीं है।
● पब्लिक हेल्प डेशबोर्ड: अनुपयोगी साबित हुई।
● स्मार्ट एलइडी लाइटिंग: शहर की प्रमुख सड़कें तक अंधकार में।
● स्टार्ट अप सेंटर: जिन्हें काम मिला उन्हें सब्सिडी मिलने में दिक्कतें।
● सोलर प्लांट: निगम अपने ही भवनों में नहीं लगवा पाया।
● मेयर एक्सप्रेस अपडेट: बंद है।
● बायोमीथेनाइजेशन प्लांट: बिट्टन मार्केट में संचालित।
● वाईफाई बिजली पोल: इंटरनेट नहीं चलता।
● स्मार्ट रोड: मेंटनेंस के अभाव में गड्ढे हो गए।
● हेरिटेज कंजर्वेंशन: सदर मंजिल में कुछ कमरे किराए पर।