स्वास्थ्य आयुक्त छवि भारद्वाज के हस्ताक्षर से जारी आरोप पत्र का जबाव देने के लिए इन डॉक्टरों को 15 दिन का समय दिया गया है। इनमें पन्ना जिला चिकित्सालय के डॉ. योगेश चतुर्वेदी और पवई सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के डॉक्टर एमएल चौधरी शामिल हैं।
डॉ. चतुर्वेदी को दिए आरोप पत्र में कहा गया है कि वे अपने आपको पॉलिटिकल बेकग्राउंड का बताते हुए कर्मचारियों को उकसाते हैं। उन्हें प्रबंधन के खिलाफ भड़काते हुए काम न करने की सलाह देते हैं। जिससे अस्पताल में विवाद की स्थिति निर्मित होती है। विभागीय जांच का हवाला देते हुए कहा है कि जांच में पाया गया कि वे ड्यूटी के दौरान वार्ड का भ्रमण नहीं करते। 14 दिसम्बर को 2018 को चिकित्सकों और वार्ड में कार्यरत नर्सों को उकसाकर उन्होंने उनके साथ अस्पताल के सामने नारेबाजी की। इससे मरीजों का इलाज प्रभावित हुआ।
जननी सुरक्षा योजना का लाभ नहीं –
पन्ना जिले के पवई सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के डॉक्टर एमएल चौधरी को थमाए गए आरोप पत्र में विभाग ने तीन बिन्दुओं पर जबाव मांगा है। इसमें जननी सुरक्षा प्रसूती सहायता योजना में पात्र हितग्राहियों को राशि का भुगतान न किए जाने, किश्तें समय पर न दिए जाने के मामले शामिल हैं। यही नहीं हितग्राहियों को समय पर राशि दिए जाने के निर्देश का पालन नहीं किए जाने के कारण भी इनसे जबाव तलब किया गया है।