वहीं, दिग्विजय सिंह भी अपने बयान पर कयाम हैं। मंगलवार को उन्होंने ट्वीट कर कहा- हिंदू संत हमारी सनातन आस्था का प्रतीक हैं। इसीलिए उनसे उच्चतम आचरण की अपेक्षा है। यदि संत वेश में कोई भी ग़लत आचरण करता है, तो उसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठनी ही चाहिए।सनातन धर्म, जिसका मैं स्वयं पालन करता हूँ, उसकी रक्षा की ज़िम्मेदारी भी हमारी ही है।
वहीं, दिग्विजय सिंह ने बयान का उनके बेटे जयवर्धन सिंह ने भी समर्थन किया है। जयवर्धन सिंह ने ट्वीट कर कहा- हमारे निवास पर सबसे ऊपर राघौजी (भगवान राम) भगवान विराजते हैं। उनके मंदिर पर फहरा रही भगवा ध्वजा हमारी संस्कृति दर्शाती है। गागरोन (राजस्थान) में हुए बलिदान और जौहर हमारे कुल की गौरव गाथा आज भी सुनाते है , हमारे पूर्वजो ने इस धर्म ध्वजा के कई बलिदान दिए हैं। लेकिन धर्म ध्वजा ( भगवा) का राजनीतिक उपयोग नहीं किया। जो कर रहे हैं उनके खिलाफ बोलो तो बयानों को तोड़िये, मरोड़िये और चलाइये। मूल भावना का कत्ल तभी तो होगा। धर्म का व्यापारीकरण और राजनीतिकरण तो सनातन धर्म कहां ले जा रहा ये भी तो समाज को बताइये।
दिग्विजय सिंह ने कहा था- सनातन धर्म विश्व का सबसे पुराना धर्म है। बाकि जितने भी धर्म हैं वो अलग-अलग विचार धारा के द्वारा उत्पन्न हुए हैं। लेकिन आज विश्व में अगर कोई सबसे प्राचीनतम धर्म है तो वो है सनातन धर्म। सनातन धर्म का कभी अंत नहीं हो सकता है। लोग अपना परिवार छोड़कर साधु-संत बनते हैं, लेकिन आज भगवा पहनकर लोग चूर्ण बेच रहे हैं और बलात्कार कर रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा- आज भगवा पहनकर मंदिरों में रेप किया जा रहा है। ऐसा करने वाले लोगों को ईश्वर कभी माफ नहीं करेगा।