रविवार के दिन कांग्रेस के भोपाल से उम्मीदवार दिग्विजय सिंह सीपीआई के ऑफिस पहुंचे। यहां पहुंचकर वो कन्हैया कुमार का खूब गुणगान किया। दिग्विजय ने कहा कि मैं कन्हैया कुमार का समर्थक हूं। उन्होंने कहा कि मैं कन्हैया को खुलेआम समर्थन देता हूं। मैंने अपनी पार्टी में भी यह बात रखी है कि आरजेडी ने बहुत बड़ी गलती की है। मैंने कोशिश की थी कि बेगूसराय सीट सीपीआई को देना चाहिए। कन्हैया युवकों के बीच में एक आइकॉन बन गया है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि आठ और नौ अप्रैल को प्रचार करने वो भोपाल आ रहा है।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मेरी पार्टी में कंफ्यूजन था। उसका एक शब्द टुकड़े-टुकड़े का कोई दिखा दे। ये पूरी तरह से झूठ था, एक चैनल ने बीजेपी-आरएसएस के लड़कों को खड़ा करवा कर ये नारे लगवाए। लेफ्ट हमेशा कांग्रेस के साथ रही है।
बिहार में पहले से महाठबंधन में कुछ सीटों पर पेंच फंसा है। सुपौल में कांग्रेस उम्मीदवार रंजीत रंजन का आरजेडी समर्थक इसलिए विरोध कर रहे हैं। क्योंकि उनके पति पप्पू यादव महागठबंधन के मधेपुरा से उम्मीदवार शरद यादव के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। बेगूसराय सीट भी आरजेडी के लिए नाक की लड़ाई है। वोटिंग से एक दिन पहले दिग्विजय का यह ऐलान कि मैं कन्हैया को समर्थन देता हूं। यह महागठबंधन के गांठ को कमजोर करती। पिछले चुनाव में आरजेडी दूसरे नंबर पर बेगूसराय से रही थी। ऐसे में डैमेज कंट्रोल करने के लिए दिग्विजय ने अपने सुर बदल लिए।
लालू का समर्थक हूं
दिग्विजय के इस बयान पर जैसे ही बिहार की राजनीति में बवेला शुरू हुआ तो बेगूसराय में वोटिंग के दिन सुबह में एक ट्वीट कर विवाद को शांत करने की कोशिश की। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि मैं लालू प्रसाद यादव का समर्थक हूं। उनकी राजनीतिक प्रतिबद्धता का क़ायल भी हूं। हमें विश्वास है कि बिहार की जनता आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन को भारी मतों से विजयी बनाएगी। शुभकामनाएं!
लेकिन दिग्विजय के इस बयान से महागठबंधन के अंदर खलबली है। एनडीए उसी बयान को आधार बनाकर महागठबंधन पर वार कर रही थी। इनके सहयोगी दलों के बीच सबकुछ ठीक नहीं है। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि दिग्विजय के लिए कन्हैया वोट मांगने आते हैं कि नहीं।