कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के राजनीतिक से लेकर व्यक्तिगत जीवन तक सूर्खियों में रहा है। उनकी लव स्टोरी भी काफी चर्चाओं में रही। लिहाजा वैलेंटाइन के खास मौके पर पत्रिका ने दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता राय से खास बात की। उनसे समझना चाहा कि उनके रिश्ते का तब से लेकर अब तक का सफर कैसा रहा। पढ़िए दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता राय से बातचीत के प्रमुख अंश….
सवाल- दिग्विजय सिंह से आपका प्रेम विवाह देशभर में सूर्खियों में रहा, इसे किस रूप में देखती हैं? जवाब– इस रिश्ते को मैं और ज्यादा मजबूत पाती हूं। जब आप किसी भी इंसान से पहली मर्तबा मिलते हैं तो किसी भी प्रकार का आकर्षण जरूर हो सकता है। एक लोकप्रिय राजनेता के प्रति किसी का भी आकर्षण हो सकता है। वो मेरा भी रहा होगा लेकिन साथ रहते हुए एक राजनेता के अलावा एक पति के रूप में इनसान परखता है। और हम इससे इंकार नहीं कर सकते कि अमूमन इंसान सोचता है कि शादी के बाद सबकुछ हसीन सपने जैसा होता है। लेकिन सच यह है कि विवाह एक प्रकार की ऐसी संस्था है जो आपको विभिन्न प्रकार की जिम्मेदारियों से बांधती है। क्योंकि प्रेम सिर्फ दो लोगों के बीच होता है लिए विवाह एक समाज के प्रति संबंध स्थापित करता है। तो मैं अपने पति के समाज से एक विस्तार पाया है।
सवाल- इस रिश्ते के तब से लेकर अब तक के मुकाम को कहां पाती हैं? जवाब- देखिए, मैंने पति के अपने लोगों के प्रति लगाव को एक पत्रकार रहते हो सकता है, कभी नहीं समझ पाती जिसे आज मैं महसूस करती हूं। जैसे परिवार के इतर भी बहुत सारे संबंध होते हैं। जैसे- हमने अपने जीवन में दो बड़े संबंधों का विस्तार किया है, जो हमें पति से जरिए मिले। एक हमारा संबंध रहा है नर्मदा परिक्रमा यात्रियों का और दूसरा भारत जोड़ों यात्रा के भारत के यात्रियों के साथ। तो मैं सोचती हूं जब आप विवाह करते हैं तो आप एक व्यक्ति नहीं एक समाज से जुड़ने लगते हैं। जिसमें हमारे रिश्तेदार, उनके रिश्तेदार और व्यक्तियों से जुड़ा एक ढेर सारा संसार होता है। तो कुल मिलाकर मेरे प्रेम का विस्तार हुआ है। जिसे मैं अब एन्जॉय करती हूं।
सवाल- प्रेम की पहली सीढ़ी चढ़ते वक्त जो कसमें-वादे हुए थे, वो पूरे हुए या नहीं? जवाब- मेरे साथ बिल्कुल उल्टा हुआ है। मेरे साथ कोई कसमें-वादे उन्होंने नहीं किए थे। मेरे पति जिस जगह पर थे वो कोई कसमें-वादे कर भी नहीं सकते थे। और हमारे बीच जो पहले समन्वय था वो वक्त के साथ और मजबूत हुआ है। और मैंने जो कहा था उसे आज मैं जी रही हूं। मुझे किसी से कोई शिकवा और शिकायत नहीं है।
सवाल- बड़ा सवाल ये भी है कि पहले प्रपोज किसने किया था? जवाव- हंसते हुए… ये बेहद टिपिकल सवाल है कि पहले प्रपोज किसने किया था। क्योंकि जब आप प्रेम में होते हैं तो दोतरफा ही होता है एकतरफा कुछ नहीं होता है। और मैंने तो बिल्कुल नहीं समझा कि प्रेम एकतरफा होता है। इसलिए पहले प्रपोज किसने किया इसका जवाब दे पाना मुश्किल है।