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कांग्रेस का साथ छोड़ने वाले विधायक थे पैसों की तंगी से परेशान- दिग्विजय
दिग्विजय ने आगे ये भी आरोप लगाए कि, मध्य प्रदेश में कांग्रेस के टिकट पर चुन कर आए जिन विधायकों ने अब तक इस्तीफा दिया, बीजेपी ने पैसे देकर उन्हें अपनी सदस्यता ग्रहण करवाई है। उन्होंने दावा किया था कि, इस्तीफा देने वाले एक विधायक ने उनसे भी आठ करोड़ का कर्ज उतारने में मदद मांगी थी। एक अन्य इस्तीफा देने वाला विधायक पैसों की तंगी के कारण उसकी मांग कर रहा था। दिग्विजय ने बीजेपी पर काली कमाई के पैसे से विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाया है। मध्य प्रदेश बीजेपी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि, हंसी आती है, जो लोग बीजेपी की नीति-रीति के खिलाफ चुनाव लड़कर जीते हों और जनता ने भी बीजेपी के कार्यकाल से नाराज होकर उन्हें चुन कर भेजा हो। अब जब वो एक बार फिर जब जनता के बीच में जाएंगे तो उन्हें पता चल जाएगा।
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उचित मुहूर्त के बिना ही हो रहा राम मंदिर निर्माण का शिलान्यास- दिग्विजय
अयोध्या में होने वाले राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास के मुहूर्त पर सवाल उठाते हुए दिग्विजय ने कहा कि, मुहूर्त देखने का काम बीजेपी और कांग्रेस का नहीं है। ये जिम्मेदारी पंडित की होती है। लेकिन, मोदी जी ने पंडितों का ये रोज़गार भी छीन लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि, राम मंदिर का शिलान्यास मुहूर्त के अनुसार नहीं बल्कि प्रधानमंत्री की सुविधानुसार किया जा रहा है। दिग्विजय सिंह ने दोहराया कि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने मुहूर्त देखा है, उसे ही जनता के बीच में उन्होंने रखा है। दिग्विजय ने स्वामी स्वरूपानंद बयान को स्पष्ट करते हुए बताया कि, उन्होंने ये नहीं कहा कि, शिलान्यास ही न करें, बल्कि उन्होंने ये कहा है कि, शुभ मुहूर्त पर शिलान्यास करें।
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उदाहरण देते हुए समझाई बात
दिग्विजय ने उदाहरण देते हुए कहा कि, जिस तरह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फ्रांस में रहते हुए राफेल जहाज खरीदने के दौरान उसपर नींबू टांगा, कहीं स्वास्तिक बनाया, उन्होंने देश से बाहर रहते हुए तो मान्यताएं निभाईं, लेकिन जिस देश में हज़ारों वर्षों से मुहूर्त देखने की मान्यताए हैं, फिल भले ही शादी करनी हो, घर से निकलना हो, शिलान्यास करना हो, इन सभी कार्यों को करने से पहले मुहूर्त देखा जाता है, मंदिर निर्माण के लिए मुहूर्त देखने को महत्व नहीं दिया जा रहा। दिग्विजय ने ये भी कहा कि, ये पहला शिलान्यास समारोह है जहां धर्म गुरुओं को ही नहीं बुलाया जा रहा, रमानंदी संप्रदाय के लोगों को भी नही बुलाया जा रहा। समारोह में सिर्फ विश्व हिंदू परिषद, संघ और बीजेपी के नेता ही शामिल होंगे। राम मंदिर निर्माण का शिलान्यास खराब मुहूर्त में हो रहा है इसके प्रमाण भी दिये जा चुके हैं।