scriptऑनलाइन ठगी का नया तरीका Digital Arrest, ऐसे बचें | Digital Arrest is a new way of online fraud, identify it like this | Patrika News
भोपाल

ऑनलाइन ठगी का नया तरीका Digital Arrest, ऐसे बचें

Digital Arrest : प्रदेश में बढ़ते साइबर अपराध की घटनाओं के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए patrika.com के जरिए एक अभियान चलाया जा रहा है, ताकि लोगों को ठगी का शिकार होने से बचाया जा सके। जानिए ऑनलाइन ठगी के एक नए तरीके के बारे में और रहिए सुरक्षित …

भोपालNov 22, 2024 / 09:57 am

Avantika Pandey

digital arrest
Digital Arrest : मध्यप्रदेश समेत पूरे भारत में इस समय डिजिटल अरेस्ट की खूब चर्चा हो रही है। ऐसे कई लोग है, जिन्हें डिजिटल अरेस्ट करके लूट लिया गया। मई में इंदौर की महिला सॉफ्टवेयर इंजिनियर को आतंकी गतिविधियों के मामले में फंसाकर 12 लाख रुपए की ठगी की गई। वहीं 4 अक्टूबर को इंदौर में एक साइंटिस्ट को महिला उत्पीड़न मामले में फंसाकर 71 लाख रुपए ठगे गए। 2024 में ऐसे ही हजारों मामले अब तक सामने आ चुके है।
ये भी पढें- 90 की स्पीड से दौड़ी इंदौर मेट्रो, 970 पैसेंजर करेंगे तीन कोच में सफर

बता दें कि सरकार ने ये बात साफ कर दिया है कि भारतीय कानून में कही पर भी डिजीटल अरेस्ट(Digital Arrest) का कोई प्रावधान नहीं दिया गया है। साथ ही किसी को भी वीडियो या माइक्रोफोन ज्यादा देर तक चालू रखने के लिए दवाब नहीं बनाया जा सकता है।
ये भी पढें- राम-जानकी विवाह…महाकाल के 1 लाख 11 हजार 111 लड्डुओं से होगा नेपाल में अतिथियों का मुंह मीठा

क्या है डिजिटल अरेस्ट ?

डिजिटल अरेस्ट(Digital Arrest) ऑनलाइन ठगी का एक नया तरीका है। डिजिटल अरेस्ट के दौरान ठग अपने शिकार के मन में डर पैदा कर देते है और उन्हें यकीन दिला देते है कि, जो भी उन्हें बताया जा रहा है वही सच है। उनके या उनके किसी परिजन के साथ बुरा हो चुका है या होने वाला है या वह पुलिस, सीबीआई या ईडी की जांच के घेरे में फंस चुके है। इसके बाद ठगों का शिकार डरकर मान लेता है कि अगर कॉलर का कहना नहीं माना तो वह गिरफ्तार हो जाएगा या फिर उसके साथ बहुत कुछ बुरा होगा।

ठग ऐसे करते है डिजिटल अरेस्ट

– डिजिटल अरेस्ट(Digital Arrest) के मामले में शिकार के पास फोन कॉल आता है, जिसमे उनके या फिर उनके किसी परिजन का अवैधानिक कामों( ड्रग, मनी लॉन्ड्रिंग, महिला उत्पीड़न, सेक्स रैकेट, आतंकवादी गतिविधियां आदि) में फंसे होने की बात कहकर गिरफ्तार करने की धमकी दी जाती है।

– डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुए लोगों को नकली ऑफिसर आईडी, पुलिस स्टेशन या फिर सीबीआई ऑफिस का माहौल दिखाकर यकीन दिला दिया जाता है कि ये पूरी कार्रवाई असली है।

– ठग डिजिटल अरेस्ट(Digital Arrest) के दौरान अपने शिकार को पूरे समय उनका फोन कैमरा और माइक्रोफोन चालू रखने के लिए कहा जाता है ताकि वह उन्हें गिरफ़्तारी की धमकी दे देकर उनके मन में डर पैदा करते रहे।

– झूठी जांच के दौरान शिकार से पैसे लूटे जाते हैं।

हेल्पलाइन नंबर 1930

गृह मंत्रालय के अनुसार, ‘ऐसी कॉल आने पर नागरिकों को मदद के लिए तत्काल साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर मामले की जानकारी देनी चाहिए। इसके आलावा www.cybercrime.gov.in पर घटना की रिपोर्ट करना चाहिए।’

Hindi News / Bhopal / ऑनलाइन ठगी का नया तरीका Digital Arrest, ऐसे बचें

ट्रेंडिंग वीडियो