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ये है आत्महत्या का मुख्य कारण
जांच टीम ने पिछले पांच सालों के आंकड़ों के आधार पर सर्वे कराया है, जिसमें सामने आया कि, लोगों द्वारा आत्महत्या करने का सबसे बड़ा कारण पारिवारिक कलेह और असंतुष्टि पाया गया। आत्महत्या करने में लोग सबसे ज्यादा फांसी के फंदे पर झूलते हैं। 49 प्रतिशत लोग फांसी लगाकर सुसाइड करते हैं। हालांकि, इन आंकड़ों के सामने आने के बाद आत्महत्याओं के इस ग्राफ को कम करने या यूं कहें कि, पूरी तरह रोकने के लिए सरकार अब एक्शन प्लान तैयार कर रही है। अलग-अलग विभागों की भूमिका तय करने के साथ ही आनंद संस्थान को समन्वय करने का काम सौंपा गया है। साथ ही पारिवारिक कलेह के मामलों में सामने आई शिकायत पर गंभीरता से सुलह कराने पर जौर दिया जाएगा।
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ये एक्शन प्लान तैयार कर रही है सरकार
आत्महत्या के कारण सामने आने के बाद से ही सरकार की चिंता बढ़ गई है। आत्महत्या के कारणों को दूर करने के लिए अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी तय की जा रही है। समन्वय का काम रिपोर्ट तैयार करने वाला आनंद संस्थान करेगा। सर्वे के दौरान प्रदेश के 18 जिलों में आत्महत्या के सबसे ज्यादा आंकड़े सामने आए हैं। आनंद संस्थान को इन जिलों पर खास फोकस करने के निर्देश दिये गए हैं। संस्थान ने इस खास जिलों से काम की शुरुआत भी कर दी है। यहां प्राथमिक तौर वालेंटियर्स जाकर लेागों में जीवन के प्रति जागरूकता और तनाव से ग्रस्त होकर आत्महत्या की ओर आकर्षित होने वाले व्यक्ति के लक्षण के बारे में भी लोगों को बताया जा रहा है, ताकि संदिग्ध व्यक्ति की पहचान कोई भी व्यक्ति कर सके। साथ ही साथ, तनाव ग्रस्त व्यक्ति की काउंसिलिंग कर सके।
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एक्शन मोड में सरकार
सामने आए आत्महत्या के आंकड़ों पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा कि, आत्महत्या की जो वजह सामने आई हैं, उनको सरकार ने गंभीरता से लिया है। प्रदेश में एक भी मौत होना बेहद दुखद है। इस रिसर्च के आधार पर सरकार एक्शन प्लान तैयार कर रही है। जल्द ही इन आंकड़ों में सुधार होगा। इसके अलावा, राज्य आनंद संस्थान के सीईओ अखिलेश अर्गल ने कहा कि, पिछले पांच साल के डाटा पर हमने अलग-अलग वर्ग, प्रोफेशन, आर्थिक स्तर, सामाजिक स्तर के आधार पर आत्महत्या के कारणों को तलाश किया है। हमारे वालेंटियर्स लगातार लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं। जल्द ही, बेहतर परिणाम हमारे सामने होंगे।
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इन क्षेत्रों में इतने फीसदी लोग करते हैं आत्महत्या: सर्वे