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भोपाल

सावधान! आपके शहर में तेजी से पाव पसार रहा है डेंगू, सामने आए 201 संक्रमित, 1 की मौत

Dengue Alert : भोपाल में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। यहां हर रोज मरीज मिल रहे है इसके साथ ही अब राजधानी में डेंगू मरीजों की संख्या 201 पर पहुंच गई है।

भोपालSep 12, 2024 / 09:46 am

Faiz

Dengue Alert : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। यहां हर दो-तीन दिन में मरीज मिल रहे हैं। मरीजों का आंकड़ा 201 को पार कर चुका है। वहीं, एक मरीज की मौत हो चुकी है। चिंताजनक बात यह है कि डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया के इलाज पर स्वास्थ्य विभाग हर तरह के संभव प्रयास करता है।
लेकिन वहीं दूसरी तरफ डेंगू के मरीजों की खोज स्वास्थ्य विभाग नहीं कर पा रहा है और निजी अस्पताल जिन मरीजों की सूची विभाग को देता है उन्हीं मरीजों की जानकारी खोजी जाती है और न ही मरीजों की जांच सही समय में की जाती हैं और न ही इलाज सही समय में उपलब्ध कराया जाता है।

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एंटीजन या रैपिड टेस्ट के बाद एलाइजा टेस्ट जरुरी

सभी शासकीय और निजी स्वास्थ्य संस्थानों को डेंगू के मरीजों की जानकारी देनी है, जिसमें लापरवाही बरती गई है। डेंगू के परीक्षण के लिए तीन तरह से जांच होती हैं। इसमें रैपिड के अलावा एंटीजन ब्लड और एलाइजा टेस्ट किया जाता है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार एंटीजन या रैपिड टेस्ट में पाजिटिव आने पर एलाइजा टेस्ट जरूरी है।

निजी अस्पताल की किट जांच मान्य नहीं

निजी अस्पताल द्वारा मरीजों के किट जांच को स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में पॉजिटिव नहीं माना जाता है। सरकारी अस्पताल की जांच को स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े में शामिल किया जाता है लेकिन जब तक नमूना को जांच के लिए भेजा जाता है व जब तक रिपोर्ट आती है मरीज ठीक -ठाक होकर घर चला जाता है। निजी अस्पताल में एडमिट डेंगू के मरीज का सेम्पल जब वायरोलाजी लैब भेजा जाता है तो उसकी रिपोर्ट में क्या जानकारी आई यह सूचना निजी अस्पताल को नहीं भेजी जाती है। इस प्रकार सब कुछ मनमर्जी से चलता है।

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एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप

स्वास्थ्य विभाग ये आरोप लगाता है कि निजी अस्पताल मलेरिया, डेंगू के मरीजों की जानकारी समय पर नहीं देते हैं। इधर, निजी अस्पताल के संचालकों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग किट जांच को पॉजिटिव नहीं मानता। स्वास्थ्य विभाग और निजी अस्पताल द्वारा एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए पूरा वर्ष निकल जाता है, जिससे मरीजों का वास्तविक आंकड़ा सामने नहीं आता है। कुछ इस तरह की नूराकुश्ती वर्षों से चल रही है।

सर्वे टीम ने सौंपी 25 अस्पतालों की रिपोर्ट

इस संबंध में भोपाल सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की सर्वे टीम ने 25 अस्पतालों की रिपोर्ट सौंपी है। लापरवाही बरतने वाले अस्पतालों को नोटिस जारी करने और स्पष्ट जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। शासकीय और निजी अस्पतालों में डेंगू मरीजों को मच्छरदानी में रखा जाना है। पीड़तों की जानकारी देना अनिवार्य है, ताकि कांटेक्ट ट्रेसिंग की जा सके।

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