Dengue Alert: 2 दिन में 18 पॉजिटिव केस, एक्सपर्ट बोले इस साल डेंगू का खतरा ज्यादा, रहें सतर्क
Dengue Alert: एमपी में हर दिन डेंगू पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं। वहीं राजधानी भोपाल के हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. प्रभाकर तिवारी ने कहा है कि इस साल डेंगू का खतरा मुश्किलें बढ़ा सकता है…बताए प्रीवेंन्शन टिप्स भी
जरूर पढ़ें हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ, भोपाल से पत्रिका की बातचीत के ये अंश
Dengue Alert: मध्य प्रदेश में डेंगू के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे। अब नए मामले इंदौर में सामने आए हैं। यहां 48 घंटे में 18 मरीज डेंगू पॉजिटिव (Dengue Positive Case) मिले हैं। इनमें से 8 पॉजिटिव केस सोमवार 5 जून को मिले, तो 10 डेंगू पॉजिटिव केस मंगलवार 6 जून को सामने आए हैं। इन सभी पॉजिटिव मरीजों का घर पर ही इलाज किया जा रहा है।
इंदौर में जिन क्षेत्रों में डेंगू पॉजीटिव मरीज मिले हैं, वहां लार्वा के सैंपल लेकर छिड़काव किया गया है। इससे पहले यहां ड्रोन कैमरे की मदद से चिह्नित लार्वा के क्षेत्रों में भी छिड़काव किया गया है।
वहीं अब हेल्थ एक्सपर्ट (Health Experts) का कहना है कि इस साल 2025 में डेंगू का खतरा और बढ़ेगा, इसलिए सभी को सतर्क रहने की जरूरत है। जानें क्या बोले एक्सपर्ट क्यों किया डेंगू अलर्ट…(Dengue Alert)
Exclusive Interview- डॉ. प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ, भोपाल
2025 में क्यों बढ़ा डेंगू का खतरा
जिस साल वायरस के कारण होने वाली किसी एक डिजीज के ज्यादा मरीज सामने आते हैं, उस साल अन्य वायरल रोगों का प्रकोप कम देखने को मिलता है। इसका एक उदाहरण कोरोना भी है। इस साल कोई अन्य वायरल रोग एक्टिव नहीं है। इसलिए डेंगू का खतरा ज्यादा है। ऐसे में बचाव के लिए सतर्कता जरूरी है। यह कहना है भोपाल के सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी का।
डेंगू से निपटने की तैयारियों के संबंध में बातचीत के प्रमुख अंश…
1. स्वास्थ्य विभाग ने वैक्टर जनित रोग नियंत्रण के लिए क्या कदम उठाए हैं?
जवाब- वैक्टर जनित रोग की रोकथाम के लिए जून महीने यानी प्री मानसून (Premonsoon) से ही विभाग एक्टिव है। इस दौरान ट्रेनिंग, कॉर्डिनेशन मीटिंग और उपकरण टेस्टिंग की गई। मानसून (Monsoon) में इन बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए मानसून से पहले ही यह सारी प्रक्रिया शुरू कर दी गई। इसके साथ लगातार जागरूक भी कर रहे हैं। लापरवाही मिलने पर कार्रवाई भी की जा रही है। जिला प्रशासन, नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की संयुक्त टीम बनाई गई है।
2. टीमोफॉस समेत अन्य दवाएं अब उतनी असरकारक नहीं हैं?
जवाब- दवाओं से ज्यादा दूसरे विकल्पों पर अब हमारा फोकस है। सबसे जरूरी यह है कि लोग जागरूक (Aware) होकर रहें और घर में लार्वा पनपने न दें। इसके अलावा जहां पानी जमा है, वहां गंबूजिया मछली (Gambusia Fish) छोड़ी जा रही है।
3. डेंगू मरीजों के इलाज के लिए क्या व्यवस्थाएं हैं?
जवाब- सरकारी अस्पतालों में अलग से वार्ड तैयार हैं। निजी अस्पताल, केंद्रीय अस्पताल समेत अन्य विभागों के अस्पताल में कार्यरत डॉक्टरों को जोड़ा गया है। ताकि मरीजों को एक एसओपी से इलाज हो।
4. डेंगू से बचाव के लिए आमजन को क्या करना चाहिए? (Dengue Prevention Tips)
जवाब- डेंगू के लक्षण दिखने पर जांच कराएं। इसके लिए सिर्फ एलाइजा टेस्ट ही कराएं। वहीं प्लेटलेट्स कम होने पर घबराएं नहीं। प्लेटलेट्स की लाइफ दो दिन की होती है। ऐसे में डेंगू की चपेट में आए मरीजों में नई प्लेटलेट्स बनने की रफ्तार कम हो जाती है, इसलिए ये तेजी से गिरती हैं। सही इलाज से 5-6 दिन में ठीक हो सकते हैं।