दोपहर करीब 2.45 बजे दशहरा मैदान पहुंचे चंद्रशेखर ने सभा में कहा कि हम कई सालों से हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन निराकरण नहीं हुआ। अब चुप नहीं बैठेंगे। यह यात्रा का पहला चरण था। चुनाव तक ऐसी 5 यात्राएं करेंगे। हर यात्रा में संख्या दोगुनी होगी। सरकारें घोषणाएं तो करती हैं, लेकिन पूरी नहीं होतीं। घोषणाओं से पेट नहीं भरता। अब दलित, पिछड़े, आदिवासी भी चुनाव लड़ेंगे। एक माह में मांगें पूरी नहीं हुईं तो इससे भी बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।
खचाखच नजर आया मैदान
इस महारैली में सुबह से ही लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। दोपहर 1 बजे के आसपास ही मैदान में लोगों का जनसमूह नजर आने लगा था। आलम यह था कि अन्ना नगर से सड़कों के दोनों ओर लोगों का हुजूम था। बाउंड्रीवॉल, टावर, बसों के स्टॉप के ऊपर, ट्रक, कार सहित अन्य वाहनों के ऊपर भी लोग बैठे हुए नजर आ रहे थे। पूरा मैदान खचाखच लोगों से भरा हुआ था। इस दौरान कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे और अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद कर रहे थे।
इस महारैली में सुबह से ही लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। दोपहर 1 बजे के आसपास ही मैदान में लोगों का जनसमूह नजर आने लगा था। आलम यह था कि अन्ना नगर से सड़कों के दोनों ओर लोगों का हुजूम था। बाउंड्रीवॉल, टावर, बसों के स्टॉप के ऊपर, ट्रक, कार सहित अन्य वाहनों के ऊपर भी लोग बैठे हुए नजर आ रहे थे। पूरा मैदान खचाखच लोगों से भरा हुआ था। इस दौरान कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे और अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद कर रहे थे।