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गांव के द्वार से घर के द्वार तक बेटी के स्वागत में बिछाए गए फूल
बेटियों को लेकर किसी दौर में बदनाम रहा चंबल अब बेटे और बेटी को एक समान मानता है। इसी बदलाव की बयार लिखते हुए भिंड जिले के कीरतपुरा गांव की बहू ने जब बेटी को जन्म दिया, तो परिवार ने इसपर जश्न मनाया, तो अपने घरों में रहते हुए पूरा गांव खुशियां मनाता नजर आया। लॉकडाउन के दौरान दुनिया में आई बेटी के गृह प्रवेश को परिवार ने खास बनाने के लिए इसे कुछ अलग हटकर किया। घर समेत गांव के रास्तों पर फूल बिखेरे गए। बेटी को किसी की नजर न लगे और वो संक्रमण से भी बची रहे तो परिजन ने घर पहुंचते ही बेटी का तुलादान सैनिटाइजर से किया। तुलादान के बाद सभी सैनिटाइजर गांव में बांटे गए, ताकि गांव संक्रमण से सुरक्षित रहे।
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बेटी की आने की खुशी में पूरे घर में गुलाब की पंखड़िुयां बिखेरी गईं
देवेंद्र सिंह के बेटे अरविंद भदौरिया की पत्नी निकिता भदौरिया ने 18 अप्रैल को बेटी को जन्म दिया। अस्पताल से मां-बेटी को सोमवार दोपहर छुट्टी दे दी। अपने घर में पोती आने की खुशी में दादा ने घर समेत पूरे गांव की गलियों में फूलों से सजाने और बिखेरने का इंतजाम करवाया, ताकि बच्ची का स्वागत अलग हटकर हो। बहू जब बेटी को लेकर घर के दरवाजे पर पहुंची तो मंगल गीत गाए गए। फूलों से सजी देहरी पर बेटी के पैरों का स्पर्श कराया गया। इसके बाद बच्ची का तुलादान सैनिटाइजर से किया गया, ताकि वो संक्रमण से तो बची ही रहे, साथ ही उसे किसी की नजर न लगे।
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गांव में खुशी की लहर
तुलादान के बाद सैनिटाइजर मिलने के बाद गांव के लोगों में खुशी नजर आई, लोगों ने कहा कि फिलहाल हालात ये है कि, हम अपने घरों से बाहर नही निकल सकते लेकिन, गांव में बेटी के कदम पड़े, तो पूरे गांव में सैनिटाइजर बांटे गए। इसका मतलब ये बेटी पूरे गांव का बेहतर स्वास्थ और स्वच्छता लेकर आई है। ये पूरे गांव के लिए खुशी की बात है।
बेटे का नाम रख दिया लॉकडाउन
ऐसे ही कई और मामले प्रदेश में पहले भी नजर आ चुके हैं। जिसमें लॉकडाउन को खास बनाने के लिए लोगों ने कुछ अलग हटकर किया। ऐसा ही एक मामला प्रदेश के श्योपुर में भी देखने को मिला, जहां लॉकडाउन के दौरान नवजात शिशु के जन्म के बाद माता-पिता ने बच्चे का नाम लॉकडाउन रख दिया। जिले के कराहल के सरजूपुरा बछेरी गांव में भी सोमवार को एक महिला ने बच्चे का जन्म दिया। बेटे के जन्म को यादगार बनाने के लिए माता-पिता ने बच्चे का नाम लॉकडाउन रख दिया।
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सरजूपुरा बछेरी गांव की रहने वाली 24 साल की गर्भवती मंजू माली को सोमवार की सुबह शहर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां शाम को उसने बेटे को जन्म दिया। बच्चे के पिता रघुनाथ माली ने अपने बेटे का नामकरण भी तुरंत ही कर दिया। बेटे का नाम लॉकडाउन रखा गया। रघुनाथ माली ने कहा कि, वो चाहते हैं कि लोग पीएम की बात माने और लॉकडाउन का पालन करें। उनका कहना है कि एक दिन कोरोना वायरस जरूर हारेगा और देश की जीत होगी। उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन और कोरोना वायरस के इस समय को याद रखने के लिए उन्होंने बेटे का नाम लॉकडाउन रखा है।
बेटी के जन्मदिन को बनाया खास
लॉकडाउन और कोरोना वायरस के समय को खास बनाने के लिए ग्वालियर के एक परिवार ने अपनी बेटी के चोथे बर्थडे को यादगार बनाने के लिए कॉलोनी के लोगों को मास्क और सैनिटाइजर बांटे, साथ ही नन्ही बच्ची ने लोगों लॉकडाउन का पालन करने, सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन रखने, मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने को लेकर जागरुक किया।
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बर्थडे गर्ल नक्षिता साहू के पिता विक्रांत साहू ने बताया कि, हम हर साल अपनी बच्ची का जन्म दिन बड़ी धूमधाम से मनाने का प्रयास करते हैं। इस बार लॉकडाउन के कारण कोई आयोजन नहीं किया जा सका। सिर्फ परिवार के लोगों ने ही केक काटकर बेटी का जन्मदिन सैलिब्रेट किया। अपार्टमेंट में रहने वालों ने अपनी अपनी फ्लोर पर रहकर ही नक्षिता को जन्मदिन की बधाई दी। बदले में नक्षिता ने आसपास के लोगों को कोरोना से बचाव स्वरूप जागरुकता संदेश दिया।