भोपाल। मध्यप्रदेश से मानसून ( monsoon 2019 ) की विदाई के बाद चक्रवाती तूफान क्यार के बाद महा तूफान का असर देखने को मिला। इसके बाद बंगाल की खाड़ी में नया तूफान बुलबुल आ गया है। अब बुलबुल तूफान का असर कई राज्यों में देखने को मिल रहा है। गुरुवार को भी मध्यप्रदेश के कई जिलों में बारिश का पूर्वानुमान जारी किया गया है। मौसम विभाग ( IMD report ) ने कहा है कि 10 नवंबर से ठंड गति पकड़ेगी और पारा 10 से नीचे चले जाएगा। मध्यप्रदेश में गुरुवार को सबसे कम तापमान 14 डिग्री मंडला, रीवा और सीधी में रहा।
23 जिलों में बारिश का पूर्वानुमान
मध्यप्रदेश में पिछले कुछ दिनों से मानसून की विदाई के बावजूद बारिश का दौर चल रहा है। पिछले दस दिनों से कुछ ही मिनट के लिए धूप देखने को मिली, लेकिन दिन में गर्मी का अहसास बढ़ने लगा और रातें ठंडी होने लगी है। इधर, मौसम विभाग ने 23 जिलों में बारिश का पूर्वानुमान लगाया है। मौसम विभाग ( India Meteorological Department ) का कहना है कि कहीं-कहीं बारिश और कहीं-कहीं गरज चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।
यहां होगी बारिश
मध्यप्रदेश के खंडवा, खरगौन, बुरहानपुर, धार, इंदौर, अलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी, उज्जैन, नीमच, रतलाम, शाजापुर, देवास, आगर, मंदसौर, भोपाल, सीहोर, बैतूल, हरदा, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी और श्योपुरकलां जिलों में कहीं कहीं बारिश या कहीं कहीं गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना मौसम विभाग ने जताई है। मौसम विभाग का यह पूर्वानुमान 8 नवंबर तक के लिए है। बाकी जिलों में मौसम शुष्क रहेगा।
अरब सागर में पिछले दिनों से उठे तूफान क्यार के बाद महा ने गुजरात तट से लेकर मध्यप्रदेश तक असर देखने को मिला। मध्यप्रदेश के कई जिलो में भी बारिश देखने को मिली। पिछले 10 दिनों से कई जिलों में धूप नहीं खिली। मौसम विभाग ने हल्की बादल छाए रहने का अनुमान लगाया है, वहीं दिन गर्म और रातें ठंडी होने की शुरुआत भी बताया है।
अरब सागर में उठा तूफान ओमान की तरफ चला गया जिससे वो कमजोर हो गया। इसके बाद महा तूफान उठा, वो भी कमजोर पड़ गया। अब तूफान बुलबुल के आने का भी असर दो से चार दिनों तक देखने को मिलेगा। मौसम विभाग ने कहा है कि 10 नवंबर से ठंड तेज हो जाएगी। रात का तापमान ठंडा होने लगा है।
शहर में गर्म कपड़ों का कारोबार शुरू
भोपाल समेत कई शहरों में गर्म कपड़ों का मार्केट भी शुरू हो गया है। भोपाल के चार से पांच स्थानों पर तिब्बती मार्केट तैयार हो गया है। यह लोग गर्म कपड़े बेचने के लिए यहां हर साल आते हैं। नगर निगम की ओर से इन्हें व्यवसाय करने की जगह दी जाती है। इन कारोबारियों का मानना है कि बारिश अच्छी होने के बाद अच्छी ठंडी की उम्मीद में हमारा भी व्यवसाय अच्छा होने की उम्मीद है। यहां शुरुआती दौर में भी बिक्री की अच्छी शुरुआत हुई है।
पिछले 24 घंटों का मौसम
मध्यप्रदेश में बीते 24 घंटों के दौरान होशंगाबाद संभाग के जिलों में ज्यादातर स्थानों पर और भोपाल, उज्जैन, इंदौर और जबलपुर संभागों के जिलों में कहीं-कहीं बारिश दर्ज की गई। जबकि शेष संभागों के जिलों में मौसम शुष्क रहा।
यहां 31 डिग्री तापमान
मध्यप्रदेश के तापमान में भी पिछले कुछ दिनों से उथल-पुथल जारी है। मध्यप्रदेश में सबसे कम तापमान 14 डिग्री मंडला, रीवा और सीधी में रहा। चंबल और इंदौर संभागों के जिलों में काफी बढ़ा हुआ रहा, जबकि शेष संभागों के जिलों में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ। प्रदेश में होशंगाबाद और नौगांव में अधिकतम तापमान 31 डिग्री दर्ज किया गया।
क्या कहते हैं मौसम विशेषज्ञ
चक्रवाती तूफान महा के अवशेष के रूप में पूर्वोत्तर अरब सागर और दक्षिण गुजरात तट से सटे इलाकों में अच्छी तरह से चिन्हित कम दबाव का क्षेत्र कम चिन्हित हो गया है, हालांकि औसत समुद्र तल से 2.1 ऊपर तक संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण उसी क्षेत्र में बना हुआ है। चक्रवाती परिसंचरण के रूप में पश्चिमी विक्षोभ अब जम्मू-कश्मीर और उससे सटे उत्तरी पाकिस्तान पर औसत समुद्र तल से 3.1 और 5.8 किलोमीटर के बीच स्थित है। पश्चिमोत्तर राजस्थान और उससे सटे हुए क्षेत्रों में प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण अब औसत समुद्र तल से 1.5 और 2.1 किमी के बीच पंजाब और उससे सटे मध्य पाकिस्तान पर स्थित है।
11 नवंबर रात के बाद से पश्चिमी हिमालय क्षेत्र पर एक ताजा कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के द्वारा प्रभावित होने की संभावना है। अगले तीन दिनों के दौरान पश्चिमी मध्य प्रदेश में न्यूनतम तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है, परन्तु पूर्वी मध्य प्रदेश में तापमान सामान्य से अधिक बने रहने की संभावना है। 14 से 20 नवंबर तक मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम न्यूनतम तापमान में क्रमिक गिरावट होने की संभावना है एवं इस दौरान मध्य प्रदेश का मौसम शुष्क बने रहने की बहुत संभावना है। चक्रवाती तूफान बुलबुल के बाद निकट भविष्य में भारतीय महासागरों में चक्रवाती तूफान की संभावना नहीं है। पश्चिमी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में कहीं कही वर्षा और गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ेगी।