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ऐसे की जा रही ठगी
ये एप और वैबसाइट्स इस ढंग से बनाई गई हैं कि, अधिक पड़ताल करने वाले भी इसे धोखा खा बैठते हैं। ठगों की ओर से लोगों को इसकी लिंक भेजी जाती है, साथ ही वैक्सीनेशन के लिये लिंक पर जाकर रजिस्ट्रेशन करने को कहा जाता है। अनजाने में लोग एप्लीकेशन के माध्यम से जैसे ही रजिस्ट्रेशन करते हैं। यूजर के फोन का पूरा एक्सेस ठगों के पास चला जाता है। इसमें मोबाइल फोन के फोटो से लेकर फोन नंबर और फोन से कनेक्ट कोई भी बैंक की गोपनीय पासवर्ड तक ठगों के पास पहुंच जाता है। इसके बाद वो यूजर के खाते को पूरी तरह खाली करने में भी सक्षम होते हैं।
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रोजाना सामने आ रहीं 3 से अधिक शिकायतें
राज्य सायबर सेल की ओर से मध्य प्रदेश में इस संबंध में सावधान रहने की अपील की गई है। लगातार 3 से अधिक शिकायतें हर रोज सायबर सेल पहुंच रही हैं। अब राज्य सायबर पुलिस ने इस संबंध में अलर्ट जारी किया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राज्य सायबर योगेश चौधरी के मुताबिक, कोरोना महामारी का फायदा उठाते हुए सायबर अपराधी फर्जी मोबाइल एप्लीकेशन के जरिये लिंक मैसेज के भेजते हैं और रिसीवर को वैक्सीनेशन का रजिस्ट्रेशन कराने का कहते हैं। इसके लिये उन्हें लिंक पर जाकर संबंधित जानकारी भरनी होती है। लिंक में एक एप डाउनलोड करने को कहा जाता है।उसके बाद एप्लीकेशन के माध्यम से मेलवेयर मोबाइल में आ जाते हैं। यह मोबाइल फोन की जानकारी चुरा लेता है। ऐसे किसी भी मैसेज से बहुत सावधान रहने की जरूरत है।
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कोई भी परमीशन न दें
सायबर अपराधियों द्वारा एक तरह की फर्जी मोबाइल एप्लीकेशन तैयार कर मैसेज के माध्यम से कोविड वेक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन की एप्लीकेशन दिखाते हुए उक्त एप इंस्टाल करने को कहा जाता है। लिंक पर क्लिक करके उस एप्लीकेशन को इंस्टाल करने पर वो मोबाइल की बहुत सारी परमीशन लेता है। इसे अलाओ करने पर वो एप्लीकेशन अपने असली काम पर आ जाती हैं। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि, जैसे ही आपकी ओस से परमीशन अलाओ की प्रक्रिया पूरी होती है, वैसे ही फोन एक तरह से हैंग हो जाता है। आरकी ओर से को भी प्रयास विफल रहता है।
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नाम मिला ‘SMS Worm’
इसके माध्यम से वह पर्सनल फोटो, वीडियोस सारे कांटेक्ट, एसएमएस, वाट्सऐप की चेट, मोबाइल में सेव बैंकिंग के पासवर्ड हमारे सारे ईमेल आदि सायबर अपराधियों तक पहुंचा देती है। इसके अलावा हमारी जानकारी के बगैर यह एप हमारे सभी कांटेक्ट को मैसेज भेज सकता है। यह एक तरह की फिशिंग तकनीक पर काम करता है, जिसे ‘SMS Worm’ नाम दिया गया है।
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सिर्फ आरोग्य सेतु या Co-Win पर ही करें रजिस्ट्रेशन
नोट-
इस तरह के अपराध से जुड़ी कोई भी शिकायत हो तुरंत ही या तो अपने नजदीकी पुलिस थाने में या www.cybercrime.gov.in या टॉल फ्री नंबर 155260 पर दें।
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