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कर्तव्य के आगे खुशियों के बलिदान पर दोनो की सेहमति
विदिशा के सीएसपी विकास पांडे और उनकी होने वाली जीवनसंगिनी सागर की डिप्टी कलेक्टर अमृता गर्ग ने देश और दुनिया के सामने एक बड़ा उदाहरण पैश किया है। दोनों की शादी के लिए 4 मई की तारीख तय की जा चुकी थी। हालांकि, अब दोनो ही अधिकारियों का कहना है कि, उनके लिए सबसे ज्यादा जरूरी लोगों को संक्रमण से बचाने का प्रयास करना है। ऐसे में अपनी ड्यूटी और कर्तव्य के चलते अपनी खुशियों को कुछ दिनों के लिए टाल रहे हैं। दोनों का कहना है कि, अगर हम चाहते तो, चार लोगों को बुलाकर भी शादी कर सकते थे, लेकिन वो अपनी खुशियों की खातिर किसी की जान जोखिम में नहीं डालना चाहते।
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[typography_font:14pt;” >मार्च तक हो चुकी थीं शादी की पूरी तैयारियां
अमृता के मुताबिक, परिवार ने उनकी और विकास की शादी 17 नवंबर 2019 को तय कर दी थी। इसी दिन उनकी सगाई भी हुई थी। 4 मई को सतना से शादी होना तय थी। सगाई के बाद से ही घर में शादी की तैयारियां शुरु हो गई थीं। लॉकडाउन के पहले ही घर में कपड़ों की खरीदी से लेकर सभी जरूरी सामान ले लिया गया था। लेकिन, लॉकडाउन चलते तैयारियां थम गईं और फिर लॉकडाउन की तारीख और कोरोना के संक्रमित जैसे-जैसे बढ़ते गए, हम दोनों काम और ड्यूटी में उतने ही व्यस्त हो गए। जब शादी की तारीख नजदीक आई, तो हम दोनो ने ही शादी की तारीख आगे बढ़ाने पर फैसला लिया। हमारे इस फैसले का दोनो परिवारों ने भी सम्मान किया, क्योंकि हमारे लिए अपनी खुशियों से अपने फर्ज को पूरा करना अहम है।
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हर दिन 17 घंटे की ड्यूटी कर रहे हैं दोनों
वहीं, दूसरी तरफ विदिशा सीएसपी विकास पांडेय के मुताबिक, शादी की नई तारीख को लेकर फिलहाल परिवारों द्वारा कुछ तय नहीं किया गया है। उनका कहना है कि, फिलहाल, जिस तरह के हालात हैं उनमें वो सुबह 7 बजे घर से निकलते हैं तो रात 12 बजे ही घर पहुंचते हैं। इसलिए किसी से भी बात करने का समय नहीं है। विकास के मुताबिक, उन्होंने और उनकी संगिनी ने ये तय किया है कि, ‘अब जब तक कोरोना को हरा नहीं देंगे, तब तक सात फेर नहीं लेंगे।’