रतलाम कलेक्टर रूचिका चौहान ने मुख्यसचिव से कहा कि लॉ एंड ऑर्डर संभालने वाले मैदानी अधिकारियों को वाहन में बत्ती लगाने के अधिकार मिलने चाहिए। उन्होंने कहा कि भीड़ में पहचान का संकट होता है। कलेक्टर रतलाम की बात का समर्थन उज्जैन कमिश्नर ने भी किया। इस पर मुख्य सचिव ने विचार करने का आश्वासन दिया। दरअसल, कुछ समय पूर्व ही लाल-पीली बत्ती के वीआईपी कल्चर पर लगाम लगाई गई है। अब दंगे जैसी घटनाओं को संभालने के लिए वाहन पर बत्ती की मंजूरी मांगी जा रही है।
दरअसल, अयोध्या पर सुप्रीमकोर्ट के फैसले को लेकर सरकार ने सावधानी बरतना शुरू कर दिया है। इसके चलते मैदानी अमले को अलर्ट किया गया। सीएस ने कहा कि जिलों में पूरी सतर्कता बरती जाए। कहां-कहां धारा १४४ लगी है, उसकी पूरी डिटेल भी दी जाए। उन्होंने कहा कि बीस साल पुराना भी कोई गुंडा है, तो उसे पकड़े भले ही नहीं, लेकिन उसे लेकर सतर्क रहे।
कई बार बात आती है कि बीस साल पहले किसी ने अपराध किया और अब क्यों उसे पकड़ा ? इसलिए उसे लेकर सतर्क रहे। सीएस ने कहा कि अयोध्या फैसले के चलते अभी सुरक्षा बल व सरकारी कर्मचारी को छुट्टी न दी जाए। इसके अलावा प्रोबेशनल पीरियड वाले आइएएस को भी ड्यूटी में लगाया जाए। पूरा अमला छोटी से छोटी बात को लेकर भी सावधानी बरते। फैसले के पहले जागरूकता को लेकर कैम्पेन चलाए। शहर के प्रमुख लोगों से भी बात करें, ताकि शांति व्यवस्था को संभालने में मदद मिले।
सीएम भी करेंगे मैदानी अमले से बात-
सीएम कमलनाथ भी ९ नवंबर को अयोध्या फैसले को लेकर राज्य में सुरक्षा व शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए मैदानी अमले से बात करेंगे। इसमें गृहमंत्री बाला बच्चन भी मौजूद रहेंगे। सीएम वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए जिलों में किए गए इंतजामों का रिव्यु भी करेंगे। साथ ही इंतजामों को पुख्ता करने पर निर्देश देंगे।