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प्रदेश के ये खास डेस्टिनेशन, जो आपका वीकेंड बना देंगे स्पेशस, वो भी बजट में
-पचमढ़ी
अपनी सुंदर वादियों, ऊंचे ऊंचे पहाड़ों और बादलों के साथ मौज मस्ती के कारण पचमढ़ी को मध्य प्रदेश का कश्मीर कहा जाता है। ठंड के सीजन में घूमना पसंद करने वालों के लिए बादलों से घिरी ये जगह बेहद खास है। छोटा महादेव, वॉटरफॉल जैसी जगहों के साथ गहरी-गहरी चट्टानें लोगों को यहां कई दिन गुजारने के लिए मजबूर कर देती हैं। भोपाल से मात्र 195 कि.मी की दूरी पर स्थित इस खूबसूरत स्थान पर आप बाय रोड आसानी से पहुंच सकते हैं।
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-मढ़ई
पदेश के सबसे शांत वातावरण वाले स्थानों में से एक मढ़ई में कल-कल बहती नदी का किनारा है। प्रकृति के आंचल में विचरते वन्य जीव हैं, देशी विदेशी पक्षियों का कलरव है। ये प्रदेश का एका मात्र ऐसा टूरिस्ट स्पॉट है, जहां अन्य टूरिस्ट स्पॉटों की तरह पर्यटकों की रेलमपेल भी नहीं है। जैसा कि, हमने पहवे आपको पचमढ़ी के बारे में बताया, जिसे सतपुड़ा की रानी कहा जाता है। तो अगर पचमढ़ी रानी है, तो मढ़ई सतपुड़ा की राजकुमारी है। भोपाल से करीब 130 किलोमीटर दूर मढ़ई सतपुडा नेशनल पार्क का हिस्सा है। डेढ हजार वर्ग किलोमीटर में फैले विशाल सतपुड़ा के जंगल में इस राजकुमारी मढ़ई का साम्राज्य करीब डेढ सौ वर्ग किलोमीटर में है।
भोपाल से पचमढ़ी जाते समय रास्ते में सोहागपुर से पहले एक भारतीय आत्मा पं. माखनलाल चतुवेर्दी का गांव माखननगर यानी बाबई पड़ता है। बाबई से आगे बढ़ने पर मुख्य मार्ग से दाहिनी तरफ का रास्ता मढ़ई मड़ता है। करीब 20 किलोमीटर चलने पर एक खूबसूरत नजारा आपको मढ़ई के अद्भुत दर्शन कराता है। मढ़ई एक ईको टूरिज्म स्पॉट है। जहां आसानी से बाय रोड जाया जा सकता है।
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-ओरछा
16वीं सदी में बसाए जाने वाले इस शहर में पुराने राजाओं से जुड़ी कई तरह के एेतिहासिक रोचक तथ्य सुनने को मिलते हैं। यहां का जहांगीर और राज महल बेमिसाल है। वैसे तो ओरछा को एमपी की आयोध्या के रूप में भी जाना जाता है। भगवान राम को इस अद्भुत शहर का राजा कहा जाता है। वैस तो भोपाल से ओरछा का सफर आप ट्रेन से भी कर सकते हैं। लेकिन, यहां जाने का बेहतर विकल्प बाय रोड ही है। भोपाल से ओरछा जाने के लिए आप NH-44 से जा सकते हैं। आपका ये सफर 338 कि.मी का रहेगा, जहां रुकते रुकाते जाने पर आपको बीच बीच में कई अद्भुत नजारे देखने को मिलेंगे।
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-मांडू
मांडू शहर के विध्यान्चल पर्वत से दो हजार फीट की ऊंचाई पर बसा है। इसकी खूबसूरती बेहद नैसर्गिक है, जिसे देश ही नहीं बल्कि विदेशों से देखने पर्यटक पहुंचते हैं। आप भी यहां आकर अपने वीकेंड को स्पेशल बना सकते हैं। राजधानी भोपाल से यहां बाय रोड जाना अलग ही अद्भुत सौंदर्य के दर्शन कराता है। इसके लिए आप ट्रेवल की गाड़ी कर सकते हैं। भोपाल से बाय रूट मांडू तक का सफर 287 कि.मी है।
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-हनुवंतिया
खंडवा के पास स्थित हनुवंतिया टापू ने आज देशभर में MP का switzerland कहा जाता है। ये क्रिस्मस वेकेशन के लिए बेस्ट ऑप्शन है। 20 करोड़ की लागत से यहां काटेज बनाए गए हैं और चारों तरफ समुंद्र की तरह फैले कुदरत के नजारे को निहारने देशभर से लोग आते हैं। रानी रूपमती की प्रेमकहानी और जहांगीर का दिल्ली वाला गेट जैसी जगह को देखने लोग जाते हैं। भोपाल से इस खूबसूरत पर्यटन स्थल तक पहुंचने के लिए वैसे तो कई ट्रेनें हैं। वहीं, बाय रोड मार्ग से पहुंचने के लिए आपको 248 कि.मी का सफर तय करना होगा।
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देश के खास डेस्टिनेशन भी आपका वीकेंड बना देंगे स्पेशस
मध्य प्रदेश के अलावा, क्रिसमस वींकेंड पर जिन लोगों को मध्य प्रदेश के बाहर जाने का मन हो उनके लिए भी हम देश के कुछ खास और सौंदर्य से भरपूर नजारे बता रहे हैं। यानी आप इन जगहों के बारे में जानकर यहां जाने का मन बना सकें।आइये जाने उनके बारे में…।
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-मसूरी (Mussoorie)
मसूरी से बेहतर जगह नए साल के लिए और कोई नहीं। यहां आप प्रकृति की सुंदरता को करीब से देख पाएंगे और परिवार या दोस्तों के साथ एंजॉय कर पाएंगे। राजधानी भोपाल से मसूरी की बाय रोड दूरी 1002 कि.मी है। वहीं ट्रेन का सफर भोपाल से दिल्ली तक 700 कि.मी है और दिल्ली से मसूरी की दूरी 270 कि.मी है। यहां आप 800 से 1000 रुपये के बीच होटल भी बुक कर सकते हैं। साथ ही, यहां आप खाने की भी कई वेरायटीज का लुत्फ उठा सकते हैं।
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-कश्मीर (Kashmir)
ये जगह किसी सपने से कम नहीं। जरा सोचिये कि, वो जगह कितनी सुंदर होगी, जिसे दुनिया का स्वर्ग कहा जाता हो। यहां की सुंदर वादियों, बर्फीले पहाड़ और शिकारा बोटिंग जिसने भी एक बार की है, उसका मन बार बार कश्मीर जाने को चाहता है। सर्दियों में यहां सब कुछ बर्फ की वादियों से ढक जाता है। ये देश ही नहीं बल्कि विदेशी सैलानियों के पर्यटन का मुख्य आकर्षण है। यानी यहां देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक खिंचे चले आते हैं। यहां सबसे पास एयरपोर्ट श्रीनगर है और रेलवे स्टेशन उधमपुर है। भोपाल से कश्मीर की बाय रोड दूरी 1172 कि.मी है। वहीं, भोपाल से उधमपुर के लिए 9 ट्रैने हैं, जिनका चुना सहूलत के आधार पर आप कर सकते हैं।
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-मनाली (Manali)
-लक्षद्वीप (Lakshadweep)
सूरज की हल्की धूप, बोटिंग, समुद्र में गोते लगाना और पानी के बीच कैंडल लाइट डिनर जैसे कई परफेक्ट मोमेंट्स आपको सिर्फ लक्षद्वीप में ही देखने को मिलेंगे। लक्षद्वीप में आप सातों द्वीपों पर घूम सकते हैं। लेकिन यहां पयर्टकों के लिए 6 द्वीपों पर ही जाने की अनुमति है। कठमठ, मिनीकॉय, कवरत्ती, बंगाराम, कल्पेनी और अगाती द्वीपों पर आप अपने पार्टनर के साथ एंजॉय कर सकते हैं। इनमें से कठमठ द्वीप की मरीन लाइफ बहुत पॉपुलर है, जो पर्यटकों को अपनी ओर खासा आकर्षित करती है। राजधानी भोपाल के अलावा, इंदौर से यहां डायरेक्ट हवाई सुविधा है। इसके अलावा, प्रदेश के करीब करीब सभी बड़े शहरों से आप यहां रेल मार्ग द्वारा पहुंच सकते हैं।
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-लद्दाख (Ladakh)
खाली सड़कें, सड़कों के पास मौजूद नीले पानी की नदियां और सामने बर्फ से ढके हल्की धूप की चादर ओढ़े पहाड़। नए साल का स्वागत इससे और शानदार तरीके से करना मुश्किल है। यहां की जांस्कार घाटी का लुत्फ ज़रूर लें। लद्दाख पहुंचने के लिए लेह सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट है। यहां का सबसे नज़दीकी रेवले स्टेशन जम्मू तावी है, जो लद्दाख से 634 किलोमीटर दूर है। भोपाल से लद्दाख लिए वैसे तो फ्लाइट और रेल मार्ग से जाया जा सकता है, जिसकी दूरी 1202 कि.मी है।
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-गोवा (Goa)
क्रिस्मस वेकेशन हो और गोवा का नाम ना आए, ये संभव ही नहीं है। गोवा के बीच और यहां के अद्भुत चर्च क्रिस्मस फेस्टिवल में चार चांद लगा देते हैं। सी फूड खाने शौकीनों के लिए ये एक बेस्ट वेकेशन प्लेस है। भोपाल से गोवा जाने के लिए आप फ्लाइट या रेल को माध्यम बना सकते हैं। दोनो ही ऑप्शन में आपको मंबई तक जाना होगा। मुंबई से गोवा जाने के लिए पानी का सफर आपके वेकेशन को और भी खास और रोचक बना देगा।