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ऐसा पहली बार हो रहा है
सुभाष नगर विश्राम घाट के प्रबंधक शोभराज के मुताबिक, वो बीते काफी सालों से यहां हैं। लेकिन इससे पहले उन्होंने न ही ऐसी स्थिति देखी और न सुनी है। जब अस्थि विसर्जन के लिए परिवार को इंतजार करना पड़ा हो। अब तक कभी भी इतने अस्थि कलश यहां एक साथ नहीं रखे गए। भोपाल में सुभाष नगर, चांदबड़, भदभदा, हथाईखेड़ा, कोलार बैरागढ़, छोला सहित आठ विश्राम घाट हैं। इन सभी विश्राम घाटों पर करीब 250 अस्थि कलश पिछले 51 दिनों से रखे हुए हैं।
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अब तक सिर्फ दो कलश ही हुए विसर्जित
शोभराज के मुताबिक, अकसर लोग अपने मृतक की अस्थियां गंगा में विसर्जित करने की इच्छा रखते हैं। लेकिन, लॉकडाउन के चलते फिलहाल ये संभव नहीं है। पिछले दो दिन में दो कलश नर्मदा में विसर्जन के लिए होशंगाबाद ले जाए गए, बाकी यहीं रखे हैं। एक मृतक के परिजन का कहना है कि, उनकी इच्छा थी कि, अपने मृतक की अस्थियां इलाहाबाद जाकर गंगा में विसर्जित करें। लेकिन लॉकडाउन के कारण ये संभव नहीं हो सका। फिर सोचा कि, उज्जैन की क्षिप्रा में विसर्जन कर आएं। लेकिन उज्जैन भी रेड जोन में होने के कारण वहां जाने की भी परमिशन नहीं मिली। इसलिए अब अगर परमिशन मिल गई तो होशंगाबाद जाकर नर्मदा में ही अस्थि विसर्जन कर आएंगे।