- एसीपी रैंक के अफसर समेत 50 पुलिसकर्मियों की निगरानी में रवाना होगा कचरा
यूनियन कार्बाइड परिसर के जहरीले कचरे में से 100 टन रविवार रात तक पैक कर लिया गया था। करीब 1000 लोगों की टीम को 337 मेट्रिक टन कचरे को पैक करने में लगाया हुआ है। 100 मेट्रिक टन कचरा वाहनों में लोड किया जा चुका है। विशेषतौर पर डिजाइन पांच विशेष जहरीले कचरे के परिवहन में उपयोग किए जाएंगे। सोमवार को पूरे दिन यूका के बाहर सन्नाटा रहा। कुछ अफसरों की आवाजाही जरूर दिखी। पानी व फ्यूल टैंक भी परिसर में पहुंचा। ट्रकों को शासन की हरीझंडी का इंतजार है। इसके बाद ग्रीन कॉरीडोर बनेगा और बिना रूके ये ट्रक सीधे पीथमपुर पहुंच जाएंगे। जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम से लैस ट्रकों की हर पल की लोकेशन नोडल एजेंसी के पास रहेगी।
गेट पर चौकी, अंदर एक्सपर्ट
- यूका गेट पर पुलिस की चौकी बना दी गई है। अंदर 100 स अधिक पुलिसकर्मी तैनात हैं। इसके साथ ही कचरा निष्पादन से जुड़े एक्सपर्ट अंदर अपना काम कर रहे हैं। एक्सपर्ट की टीम किसी भी वक्त जहरीला कचरा पीथमपुर के लिए रवाना करने के संकेत दे सकती है। इसके लिए कार्किट तैयार है, जिसमें 12 वाहन शामिल किए गए हैं। पूरी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यह रवाना होगा।
- कचरे को निकालने व उसकी पैकिंग के लिए रामकी से विशेष आधुनिक मशीनें यहां पहुंची है। शनिवार देर रात मशाीनें राजधानी पहुंची थी। रात के अंधेरे में मशीनों ने यूनियन कॉर्बेट पर प्रवेश किया। रविवार व सोमवार पूरे दिन परिसर का मुआयना करने के बाद मशीनों को गोदाम तक ले जाने के लिए रास्ता बनाया गया।
- यूका कंपनी में वर्षों से बंद ताला शनिवार रात करीब दो बजे खोला गया। चार डंपरों को यहां प्रवेश कराया गया। विशेष गाड़ी में रामकी से आई एक्सपर्ट की टीम भी कंपनी परिसर में पहुंची। कचरा को हटाने के लिए पहले पूरे परिसर का विश्लेषण हुआ। एक्सपर्ट ने वह रास्ता तैयार किया जहां से जहरीले कचरे को जमा करने वाले कंटेनर गोदाम तक पहुंचेंगे। रास्ते में आने वाले कुछ पेड़ और झाडिय़ां हटाई गई।
- शनिवार रात दो बजे से अलसुबह 4 ट्रक कार्बाइड परिसर पहुंचे। यह विशेष रूप से जहरीले कचरे को परिवहन करने के लिए ही डिजाइन किए गए हैं।
- इनके साथ 50 लोगों की एक स्पेशल टीम आई रविवार सुबह कार्बाइड परिसर में जेसीबी मशीन भेजी गई- यूनियन कार्बाइड को छावनी बना दिया गया करीब 1000 लोग कचरा ढोने की इस प्रक्रिया में शामिल है।
- रविवार सुबह पुलिस का पहरा गेट पर लगा दिया गया। ट्रक से गोदाम के बीच की दूरी करीब 20 मीटर है तीन पेड़ झाडिय़ां दोपहर को काटा।
- रामकी, एमपीपीसीबी, सीपीसीबी की एक्सपर्ट की मौजूदगी मैं गोदाम खोला गया जहां 337 मेट्रिक टन कचरा रखा हुआ है।
- से स्पेशल कंटेनर कचरे की पैकिंग शुरू हुई गोदाम में एक्सपर्ट पहुंचे मास्क लगाकर कर्मचारी गए कचरे को पॉलिथीन में पैक कर सील पैक कंटेनर में रखा गया देर रात तक या सिलसिला जारी।
- गोदाम से कचरा भरने टेक्निकल टीम का काम कर रही है। इसमें मशीन ऑपरेट करने वाले एक्सपर्ट हैं, जो कचरे को भरने वाले उपकरण संचालित कर रहे हैं। दूसरे एक्सपर्ट जहरीले कचरे के जानकार है। तीसरी मॉनिटरिंग करने वाले एक्सपर्ट हैं। उनकी भी दो बार शिफ्ट बदली गई।
- यूनियन कार्बाइड से जहरीले कचरे को पीथमपुर ले जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनेगा। कचरे के वाहनों के साथ भोपाल पुलिस के एसीपी रैंक अधिकारियों के नेतृत्व 50 कर्मी पीथमपुर तक जाएंगे। भोपाल से पीथमपुर तक का रास्ता करीब 260 किलोमीटर का है, ऐसे में इस रूट को पूरी तरह से बंद किया जाता है तो आम लोगों को दिक्कत हो सकती है जिसके चलते ये प्लानिंग भी की जा रही है कि इस रूट पर जब जहां से जहरीले कचरे के वाहन निकलेंगे उसी दौरान रास्ते को बंद किया जाएगा ताकि आम लोगों को समस्या न हो। इसके लिए रास्ते में सीहोर और देवास पुलिस से भी समन्वय किया जाएगा। आगे लाल झंडा लेकर गाड़ी रहेगी, जिसमें पुलिस बल होगा। उसके बाद वेस्ट को पैक करने आई टीम का का काफिला रहेगा। इसके बाद पांचो गाडिय़ां होगी जिसमें 337 मेट्रिक टन जहरीला कचरा होगा। एंबुलेंस एक फायर ब्रिगेड साथ होगी। भोपाल से पीथमपुर तक करीब 10 गाडिय़ों का काफिला जाएगा।