इसी क्रम में अवधपुरी निवासी गुलाब राय ने बताया कि वे त्योहार की व्यस्त हैं। एक घंटे बाद वैन उनके घर के बाहर खड़ी हो गई। इस तरह उनका सेकंड डोज पूरा हो गया। दरअसल, राजधानी में फर्स्ट डोज के बाद सेकंड डोज लगवाने की रफ्तार काफी धीमी हो गई है। शनिवार को फंदा ब्लॉक की 47 पंचायतों में सेकंड डोज के लिए वैक्सीनेशन कराया गया तो कुछ आंकड़ा बढ़ा।
सेकंड डोज न लगाने वालों में ढाई लाख लोग ऐसे हैं, जिन्हें 84 दिन के बाद डेढ़ माह और गुजर गया। ऐसे लोगों को फोन करने पर अधिकांश लोग खुद को जिले से बाहर बताते हैं या व्यस्तता का बहाना बनाते हैं। लक्ष्य पूरा करने के लिए जिला प्रशासन,स्वास्थ्य विभाग का अमला धनतेरस के दिन भी वैक्सीन सेंटरों पर सेकंड डोज लगा रहा है। शाम पांच बजे तक 3209 डोज लगाए गए जिसमें सेकंड डोज की संख्या ज्यादा है।
कोरोना कंट्रोल रूम की प्रभारी, डॉ. संगीता टांक ने बताया कि सेकंड डोज पूरा कराने के लिए हम लोगों के घरों तक वैन को ले जा रहे हैं। वैन जिस रूट पर जाती है, वहां आसपास के लोगों से भी डोज को लेकर पड़ताल की जाती है। अगर डोज नहीं लगा तो उनको डोज कम्पलीट कराया जाता है।
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वैक्सीनेशन अब तक
फर्स्ट डोज लगा: 20 लाख 13 हजार 735
सेकंड डोज लगा:11 लाख 77 हजार 778
पुरुषों को वैक्सीन: 17 लाख 41 हजार 918
महिलाओं को वैक्सीन: 14 लाख 48 हजार 871
18 से 44 वर्ष: 20 लाख 47 हजार 686
45 से 60 वर्ष: 7 लाख 45 हजार 908
60 वर्ष से ऊपर: 3 लाख 97 हजार 919