5 दशक पुराना है ढाबा
गौरव खुल्लर भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 6 के पास ढाबा चलाते हैं। यह ढाबा लगभग 50 साल पहले उनके दादा ने खोला था, जो अब उनके परिवार की आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। अब प्रशासन ने मेट्रो स्टेशन के निर्माण के लिए उनके ढाबे को हटाने का आदेश जारी कर दिया है। इसके बदले में उन्हें मुआवजा भी दिया जाएगा। ढाबा मालिक गौरव का कहना है कि इस ढाबे की शुरुआत उनके दादा ने की थी, जो 50 साल से परिवार की तीन पीढ़ियों की आजीविका का साधन है। इसके अलावा प्रशासन ढाबे के बदले जो मुआवजा दे रहा है वह बहुत मामूली है। उनका कहना है कि जिस मुआवजे की बात की गई थी, उससे उनके नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती। उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि विकास के नाम पर लोगों की आजीविका छीनी जा रही है।
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ढाबा मालिक गौरव खुल्लर इस कार्रवाई से इतने आहत हैं कि उन्होंने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को पत्र लिख डाला। इस पत्र में उन्होंने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग की है। उनका कहना है कि उनके ढाबे को छीना जाना उनके लिए जीते जी मरने के बराबर है इसीलिए उन्हें इच्छा मृत्यु की इजाजत दी जाए। उन्होंने कहा है कि सरकार ने विकास के नाम पर उन्हें बेघर और बेसहारा छोड़ दिया है। यह भी पढ़ें
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