आपको बता दें कि, सांई बाबा के खिलाफ बयान देने की वजह से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप लग रहे हैं। शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे की पार्टी युवा सेना के कार्यकर्ताओं ने मुंबई में बांद्रा पुलिस स्टेशन में इस संबंध में लिखित शिकायत दी है। साथ ही, शिकायतकर्ताओं ने बागेश्वर बाबा पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा गया कि, धीरेंद्र शास्त्री ने शिरडी साईं बाबा के भक्तों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है।
इस बयान ने बढ़ाई पंडित धीरेंद्र शास्त्री की मुसीबत
बता दें कि, बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जबलपुर के पनागर इलाके में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के आखिरी दिन प्रबुद्धजनों से संवाद कर रहे थे। इस दौरान उनसे साईं बाबा की पूजा आराधना की पद्धति को लेकर सवाल पूछा गया, जिसपर जवाब देते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने साईं बाबा को भगवान मानने से ही साफ इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि, हमारे धर्म के शंकराचार्य ने साईं बाबा को देवताओं का स्थान नहीं दिया और शंकराचार्य की बात मानना हर सनातनी का धर्म है, क्योंकि वो अपने धर्म के प्रधानमंत्री हैं। बता दें कि शंकराचार्य ने साईं बाबा को भगवान मानने से इनकार कर दिया था। उस दौरान दिए बयान में पंडित शास्त्री ने साईं बाबा की पूजा करना गलत बताया। उन्होंने साईं बाबा का मंदिर बनाने का भी विरोध किया। उन्होंने ये भी कहा कि, साईं बाबा कोई भगवान नहीं, जो उनकी पूजा की जाए। उन्होंने कहा कि, साईं बाबा हिन्दू – मुस्लिम एकता का एक बढ़िया प्रतीक हैं तो फिर सिर्फ हिंदू ही क्यों साईं की पूजा करें।
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गीदड़ की खाल पहनकर कोई शेर नहीं बन सकता- पंडित शास्त्री
धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा कि कोई भी संत चाहे गोस्वामी तुलसीदास जी हो या सूरदास जी हो… ये संत हैं, महापुरुष हैं, युग पुरुष हैं, कल्प पुरुष हैं, लेकिन भगवान नहीं… हम किसी की भवना को ठेस नहीं पहुंचा सकते, लेकिन कह सकते हैं कि साईं बाबा संत हो सकते हैं, फकीर हो सकते हैं.. भगवान नहीं हो सकते। आगे उन्होंने कहा कि, लोग इसको कंट्रोवर्सी में ले लेंगे, लेकिन बोलना भी बहुत जरुरी है कि गीदड़ की खाल पहनकर कोई शेर नहीं बन सकता। ऐसे ही, उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि, अगर मैं चक्र लगाकर कहूं कि मैं शंकराचार्य हूं, क्या मैं बन जाऊंगा..। नहीं.., नहीं बन सकते.. भगवान – भगवान हैं और संत – संत।