इसी के चलते मंत्री बनने साथ ही सज्जन सिंह वर्मा विवादों में आ गए हैं। बुधवार को उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा कि अब सरकारी कर्मचारियों को खुद ही समझ जाना चाहिए कि सरकार की क्या मंशा है। दंड भोगने से अच्छा है कि वे आरएसएस की शाखाओं में न जाएं।
उधर, एक और कैबिनेट मंत्री सुखदेव पांसे ने कहा, सरकारी कर्मचारी या विभाग में राजनीति नहीं आनी चाहिए। राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ता है तो जनता का नुकसान होता है, जो करना है बाहर करें।
इसलिए वचन-पत्र में जो निर्णय लिया गया है, उस पर अमल किया जाएगा। कांग्रेस ने अपने वचन-पत्र में वादा किया है कि सरकार आने पर सरकारी कर्मचारियों की संघ शाखाओं में जाने पर रोक लगाई जाएगी।
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इधर, मंत्री न बनने से नाराज कांग्रेस विधायक करेंगे राहुल गांधी से शिकायत…
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री कमलनाथ पर वरिष्ठ विधायकों की उपेक्षा का आरोप लगने लगा है। मंत्री न बनने से नाराज कुछ विधायक दिल्ली जाकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से शिकायत करने वाले हैं। नाराज विधायकों में केपी सिंह, विक्रम सिंह नातीराजा, एंदल सिंह कंषाना, बिसाहूलाल सिंह और जयस के कोटे से कांग्रेस विधायक बने डॉ. हीरा अलावा शामिल हैं।
अजय चुरहट से चुनाव हार चुके हैं। उनके समर्थकों को उम्मीद थी कि हारने के बावजूद अजय को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी या फिर प्रदेश अध्यक्ष का पद मिलेगा, लेकिन मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिलने के बाद नाराजगी झलकने लगी है। इधर अजय सिंह ने पत्रिका से कहा कि नाराजगी किस बात की? शहर से बाहर हूं, इसलिए बंगले पर कोई नहीं होगा।