भोपाल। मध्यप्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग के अति मुख्य सचिव अशोक शाह (ACS Ashok Shah) की मुश्किलें बढ़ने लगी है। उमा भारती की शिकायत के बाद विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने भी लताड़ लगा दी। वहीं अब कांग्रेस भी विरोध में उतर आई है। कांग्रेस ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा है, साथ ही कई सवाल दागे हैं। सीएम शिवराज सिंह की मौजूदगी में मंच से सीनियर आइएएस ऑफिसर के बयानों से तीसरे दिन भी बवाल मचा हुआ है।
पूर्व सीएम उमा भारती और विधानसभा अध्यक्ष के विरोध के बाद अब कांग्रेस भी सीनियर आइएएस आफिसर अशोक शाह के पीछे पड़ गई है। कांग्रेस ने शनिवार को पत्र लिखकर अशोक शाह (senior ias officers ashok shah) से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा है। कांग्रेस की मीडिया उपाध्यक्ष संगीता शर्मा ने इस संबंध में एक पत्र लिखकर कुछ सवाल भी पूछे हैं। शर्मा ने लिखा है कि क्या लड़कियां लड़कों की अपेक्षा पीछे रह जाती हैं। क्या लड़कियों का लड़कों के मुकाबले मस्तिष्क का विकास कम होता है। क्या कोई आंकड़ा है कि बेटा और बेटी में दूध पिलाने का अलग-अलग प्रतिशत कितना है। क्या मां बेटी को दूध पिलाना भूल जाती है, इसका कोई रिसर्च है। भूलने का डेटा कहां से आया। क्या मां बेटों के सारा दूध पिला देती है, इसका कोई आधार है। यदि 6 माह तक बची हुई 85 फीसदी बेटियों को दूध ही नहीं मिला तो जीवित कैसे रहीं। क्या इसका कोई रिसर्च है। ऐसे में क्यों आपने देश की सभी मां के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला बयान देकर अपमानित किया।
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सीएम के सामने दिया था ऐसा बयान
दरअसल, एसीएस अशोक शाह (ACS) ने यह बयान बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में महिला बाल विकास विभाग की लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 कार्यक्रम में दिया था। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मुख्य अतिथि थे। तभी महिला बाल विकास विभाग (women and child development department) के अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक शाह ने कुछ ऐसा कह दिया जिसे सुनकर सब चौंक गए थे। शाह ने स्तनपान की बढ़ोत्तरी के पीछे सरकार की एक योजना का हवाला दिया था। शाह ने कहा था कि मध्यप्रदेश में अपने बच्चों को (आशय बेटियों से) दूध पिलाने वाली मांओं की संख्या काफी कम थीं, जो अब योजना प्रारंभ होने के बाद बढ़ गई है। अशोक शाह ने कहा कि साल 2005 में सिर्फ 15 प्रतिशत माताएं अपनी बेटियों को दूध पिला पाती थीं। योजना के बाद यह आंकड़ा 42 प्रतिशत हो गया है।