मध्यप्रदेश में राज्यसभा की 11 सीटें हैं। 3 सीटों का कार्यकाल 2020 में पूरा हो रहा है। जिन सांसदों का कार्यकाल पूरा हो रहा है उनमें कांग्रेस के दिग्विजय सिंह, भाजपा के प्रभात झा और पूर्व मंत्री सत्य नारायण जाटिया का है। भाजपा के खाते में एक और कांग्रेस के खाते में एक सीट जाएगी लेकिन तीसरी सीट को लेकर पेंच फंस सकता है। जहां भाजपा को मुश्किलों का सामना कर पड़ सकता है जबकि कांग्रेस के पास संख्याबल है।
दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश की राजनीति में सक्रिय हैं और इस समय वो केवल राज्यसभा सांसद हैं। ऐसे में ये माना जा रहा है कि दिग्विजय सिंह एक बार फिर से अपना दावा पेश कर सकते हैं। वहीं, अगर दिग्विजय सिंह अपना दावा पेश नहीं करते हैं तो वो पूर्व सीएम अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह का नाम आगे बढ़ा सकते हैं। अजय सिंह लोकसभा चुनाव में एक रैली के दौरान कह चुके हैं कि अगर मैं हार गया तो कार्यकर्ताओं का क्या होगा क्योंकि पार्टी मुझे तो राज्यसभा भेज देगी। अजय सिंह को दिग्विजय सिंह का करीबी भी माना जा रहा है। अजय सिंह का नाम मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की रेस भी भी आ चुका है।
जानकारों का कहना है कि जिस तरह से कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कई नाम सामने आ चुके हैं उससे साफ ही कि ये दबाव की राजनीति है। ये नेता प्रदेश अध्यक्ष के लिए अपना दावा इसलिए पेश कर रहे हैं कि अगर इन्हें अध्यक्ष नहीं बनाया जाता है तो कम से कम राज्यसभा के लिए इनका दावा मजबूत रहेगा। राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का चयन होना है ऐसे में सभी नेताओं के समर्थक अपने-अपने नेताओं का नाम आगे कर रहे हैं लेकिन कोई भी नेता खुद को इस रेस का दावेदार नहीं बता रहा है।