ताजा मामला शाजापुर जिले के कलेक्टर किशोर कन्याल का है, जिन्हें एक ड्राइवर से बदतमीजी करने पर अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मामले गंभीरता से लेते हुए शाजापुर कलेक्टर किशोर कन्याल को हटा दिया है। सीएम मोहन ने इस दौरान कहा कि ‘सभी के काम और भाव का सम्मान होना चाहिए। शाजापुर में ट्रक ड्राइवर से जुड़ी घटना में कलेक्टर को पद से हटाया गया है। ये सरकार गरीबों की सरकार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम गरीब कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं। अधिकारियों को अपनी भाषा और व्यवहार का ध्यान रखना चाहिए।’
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नेता प्रतिपक्ष ने तारीफ के साथ कसा तंज
इस मामले पर मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने एक तरफ तो मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के इस फैसले की तारीफ की है तो वहीं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना भी साधा है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा है कि ‘शाजापुर कलेक्टर किशोर कान्याल को एक ड्राइवर भाई की औकात दिखाने पर उनके पद हटाया जाना अच्छी बात है। लोकतंत्र में जनता से उसकी औकात पूछने का अधिकार नौकरशाहों को नहीं है।’ उन्होंने कहा कि ‘जनता सर्वोपरि थी, सर्वोपरि है और हमेशा रहेगी। शाजापुर कलेक्टर को ‘औकात’ पूछने की सजा दी जाना सही फैसला है। शिवराज-राज के बेलगाम कलेक्टरों को एक-एक करके निपटाना गलत भी नहीं है। गुना कलेक्टर को बस हादसे की सजा मिली तो शाजापुर कलेक्टर को भरी मीटिंग में अपनी ताकत दिखाने की। गंदगी के खिलाफ स्वच्छता अभियान तो चलना ही चाहिए।’
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जीरो टॉलरेंस पॉलिसी पर काम कर रही सरकार
भाजपा के जानकारों की मानें तो केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को एमपी में जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करने की सलाह दे रखी है। ये भी कहा जा रहा है कि जिन दो जिलों के कलेक्टरों को गलती पर पद से हटाया गया, उसकी सलाह भी केंद्रीय से ही मिली थी। गुना में बस दुर्घटना में 13 यात्रियों की मौत के बाद सीएम मोहन ने कलेक्टर तरुण राठी और परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह को हटाया था। इसके बाद ट्रांसपोर्ट कमिश्नर संजय झा और गुना एसपी पर भी इसकी गाज गिरी। ऐसे ही जबलपुर में धान खरीदी घोटाले में नागरिक आपूर्ति निगम के आम के साथ जिला खाद्य नियंत्रक और मार्कफेड के डीएम को भी सस्पेंड किया गया।