अल्प मत में है सरकार
मध्यप्रदेश में 2018 में विधानसभा के चुनाव हुए थे। इस दौरान किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। कांग्रेस के पास सबसे ज्यादा 114 विधायक हैं। मध्यप्रदेश में किसी भी दल को बहुमत के लिए 116 सीटों की जरूरत होती है।
मध्यप्रदेश में 2018 में विधानसभा के चुनाव हुए थे। इस दौरान किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। कांग्रेस के पास सबसे ज्यादा 114 विधायक हैं। मध्यप्रदेश में किसी भी दल को बहुमत के लिए 116 सीटों की जरूरत होती है।
दिग्विजय के बंगले के बाहर किया था प्रदर्शन
लक्ष्मण सिंह ने मंगलवार को दिग्विजय सिंह के बंगले के बाहर प्रदर्शन किया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चाचौड़ा को जिला बनाने की घोषणा की है। हम चाहते हैं कि जो घोषणा की गई है उसे लागू कर दिया जाए। हम कोई नहीं मांग नहीं कर रहे हैं।
लक्ष्मण सिंह ने मंगलवार को दिग्विजय सिंह के बंगले के बाहर प्रदर्शन किया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चाचौड़ा को जिला बनाने की घोषणा की है। हम चाहते हैं कि जो घोषणा की गई है उसे लागू कर दिया जाए। हम कोई नहीं मांग नहीं कर रहे हैं।
कई बार पार्टी को नसीहत दे चुके हैं लक्ष्मण सिंह
लक्ष्मण सिंह लक्ष्मण सिंह अपनी ही सरकार कमल नाथ के खिलाफ कई बार हमला बोल चुके हैं। लोकसभा चुनाव में हार के बाद उन्होंने कहा था- कांग्रेस पार्टी के सभी कार्यकर्ता भाईयों, बहनों निराश न हो। जब मनुष्य पुनर्जन्म ले सकता है,तो अपनी पार्टी भी पुन्ह जीवित होगी,बस अवश्यक्ता है तो सही व्यक्ति को संगठन का काम देना। वहीं, उन्होंने टिकट बंटवारे को लेकर भी प्रदेश संगठन पर हमला बोला था। लक्ष्मण सिंह ने कहा था- लोक सभा चुनाव में नया चेहरा, जो कभी लोक सभा का चुनाव नहीं लड़ा हो, को अवसर देना चाहिये। पुराने चेहरों पर दांव खेलना, हानिकारक होगा। नेताओं की पत्नियों को लड़ाना, अत्यंत हानिकारक होगा।
लक्ष्मण सिंह लक्ष्मण सिंह अपनी ही सरकार कमल नाथ के खिलाफ कई बार हमला बोल चुके हैं। लोकसभा चुनाव में हार के बाद उन्होंने कहा था- कांग्रेस पार्टी के सभी कार्यकर्ता भाईयों, बहनों निराश न हो। जब मनुष्य पुनर्जन्म ले सकता है,तो अपनी पार्टी भी पुन्ह जीवित होगी,बस अवश्यक्ता है तो सही व्यक्ति को संगठन का काम देना। वहीं, उन्होंने टिकट बंटवारे को लेकर भी प्रदेश संगठन पर हमला बोला था। लक्ष्मण सिंह ने कहा था- लोक सभा चुनाव में नया चेहरा, जो कभी लोक सभा का चुनाव नहीं लड़ा हो, को अवसर देना चाहिये। पुराने चेहरों पर दांव खेलना, हानिकारक होगा। नेताओं की पत्नियों को लड़ाना, अत्यंत हानिकारक होगा।