भोपाल

Interview: ‘कमलनाथ खुद तय करें कि अब उन्हें क्या करना चाहिए’

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने पत्रिका से खास बातचीत में कहा- हम कब तक फ्रीबीज से लोकतंत्र को चलाएंगे, कमलनाथ खुद तय करें कि अब उन्हें क्या करना चाहिए: तन्खा

भोपालDec 16, 2023 / 08:10 am

Manish Gite

vivek tankha interview

नई दिल्ली से रूपेश मिश्रा

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार पर पत्रिका से चर्चा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने कहा है कि नए चेहरे आने से नई ऊर्जा आती है। साथ ही उन्होंने कहा, दोनों पार्टियों ने युवाओं को दरकिनार कर ये चुनाव लड़ा है। इसे सरकारी योजनाओं का चुनाव बना दिया, जबकि चुनाव युवाओं पर केंद्रित होना चाहिए।


विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के क्या कारण मानते हैं?

मैं हमेशा बोलता रहा हूं कि ये नई पीढ़ी का चुनाव है। चुनाव में नए विजन के युवा लोगों को प्राथमिकता देनी चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है कि दोनों पार्टियां ऐसा करने में असफल रहीं। मध्यप्रदेश का ये चुनाव एक ऐतिहासिक भूल के रूप में देखा जाएगा।

 

ईवीएम मामले पर क्या अदालत में जाएंगे?

हम कोर्ट में जाएंगे या नहीं इस पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन 190 सीटों पर बैलेट पेपर वोटिंग में कांग्रेस ने भाजपा को पछाड़ दिया था। सामान्यत: पोस्टल बैलेट के ट्रेंड ही आगे चलते हैं तो सवाल उठता है कि अगर पोस्टल बैलेट पर कांग्रेस जीत रही थी तो ईवीएम से क्यों हार गई। मध्यप्रदेश में जब मैं चुनाव प्रचार कर रहा था तो मुझे बदलाव नजर आ रहा था, लेकिन मतगणना के दिन जब मशीन में काउंटिंग हुई तो बदलाव के वातावरण के विपरीत परिणाम आए, इसलिए लोगों के मन में भय है। वैसे भी पूरे विश्व ने ईवीएम को खारिज कर दिया है। क्या वो नासमझ लोग हैं। वहां की सरकारें अनपढ़ हैं।

 

कमलनाथ के इस्तीफे की मांग उठने लगी है, किसी युवा को मौका देने की बात की जा रही है।

मैं इन बातों पर टिप्पणी नहीं करूंगा। कमलनाथ खुद तय करेंगे कि उन्हें क्या करना चाहिए। या फिर पार्टी आलाकमान को तय करना है कि इस मामले में उन्हें क्या करना है।

 

क्या आपको लगता है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस में चेहरे का अभाव है, किसी नए चेहरे की जरूरत महसूस हो रही है?

देखिए, मैं किसी व्यक्ति पर टिह्रश्वपणी नहीं करूंगा। किसके पास नेतृत्व होना चाहिए ये पार्टी के अधिकार क्षेत्र का मामला है। ये जरूर कहूंगा कि युवा के आने से नई ऊर्जा आती है, नए विचार आते हैं। इसका मतलब ये भी नहीं कि बुजुर्ग नहीं रहने चाहिए, अच्छे और सक्षम लोग तो रहेंगे ही।

 

भाजपा की बंपर जीत के पीछे क्या आप लाड़ली बहना योजना को मानते हैं?

जब आप बेमतलब का पैसा बांटोगे तो मुफ्त में किसे पैसा बुरा लगता है। सवाल ये है कि कब तक हम इस फ्रीबीज से लोकतंत्र को चलाएंगे। ऐसा होने से तो आगे चलकर पार्टियों में फ्रीबीज को लेकर प्रतिस्पर्धा होगी। मप्र पर चार लाख करोड़ रुपए का कर्ज है, तो आप ये पैसा कर्ज लेकर बांट रहे हो। पैसा तो हमारा ही है।

 

चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की सेवा शर्तों वाले बिल का विपक्ष क्यों विरोध कर रहा है?

अगर चुनाव प्रक्रिया में ही शुचिता ना हो तो लोकतंत्र का मजाक हो जाना स्वाभाविक है। कमेटी में पीएम, विपक्ष के नेता, मुख्य न्यायाधीश होते थे। अब जो कानून लाया गया है, उसमें मुख्य न्यायाधीश को हटा दिया। विपक्ष का यही कहना है कि नए प्रावधान से तो फिर पुराने लॉ में चले गए, ताकि अपने आदमी की नियुक्ति की जा सके।

Hindi News / Bhopal / Interview: ‘कमलनाथ खुद तय करें कि अब उन्हें क्या करना चाहिए’

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.