इसके लिए एआईसीसी टिकट की तरह ही प्रदेश में सर्वे कराकर नेताओं को निगम-मंडल में पद देगी। इसके लिए छानबीन शुरु भी हो गई है। सरकारी संस्थानों में पद का आधार १५ साल का संघर्ष और पार्टी में योगदान के अलावा क्षेत्र में छवि, कार्यकर्ताओं में स्वीकार्यता और जनता में लोकप्रियता को भी माना जाएगा।
पीसीसी में 400 से ज्यादा दावेदारों के बायोडाटा :
निगम-मंडल के दावेदार तीन जगह अपने बायोडाटा जमा कर रहे हैं। जिनकी पहुंच मुख्यमंत्री कमलनाथ तक है वे सीधे सीएम को पद की मांग कर रहे हैं। जो प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया को जानते हैं वे उनके यहां अपना बायोडाटा भेज रहे हैं। और जिन लोगों की पहचान इनसे नहीं है वे पीसीसी आकर यहां के पदाधिकारियों को अपना बायोडाटा दे रहे हैं। पीसीसी में अब तक चार सौ ज्यादा बायोडाटा जमा हो चुके हैं।
बायोडाटा में विषय बदल गया है। अब लिखा जा रहा है कि निगम-मंडल,सार्वजनकि उपक्रम या प्राधिकरणों में पद देने के संबंध में। इन बायोडाटा में १५ साल का संघर्ष भी नेता बता रहे हैं। इनमें महिलाओं की संख्या भी काफी है। बायोडाटा देने आईं विंध्य की एक महिला नेत्री ने कहा कि १५ साल जब कांग्रेस छोड़कर हम भाजपा में नहीं गए तो पद तो हमको मिलना ही चाहिए।
दावेदारों का भी सर्वे :
कांग्रेस सर्वे कराकर दावेदार छांट रही है तो जो दावेदार पीसीसी आ रहे हैं उनका भी सर्वे कराया जा रहा है। कांग्रेस विधानसभा से लेकर मंडलम स्तर तक के नेताओं को पद देना चाहती है। अकेले विधायक की सिफारिश से काम नहीं चलेगा, सर्वे में नाम आने के बाद ही संबंधित नेता को पद दिया जाएगा। कार्यकर्ता के बीच फीडबैक के आधार पर नाम आगे बढ़ाया जाएगा। तीनों जगह पर आए बायोडाटा को इक_ा कर उनकी स्क्रूटनी की जाएगी और फिर उनकी सूची बनाकर मुख्यमंत्री और प्रदेश प्रभारी के पास भेजी जाएगी। इस सारी प्रक्रिया के बाद निगम-मंडल में पद पाने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं की सूची तैयार की जाएगी।
वर्जन :
– निगम-मंडल में उन लोगों को ही पद दिया जाएगा जिन्होंने १५ साल पार्टी के लिए काम किया है। इसके लिए टिकट की तरह सर्वे और छानबीन भी की जा रही है। हम विधानसभा स्तर से नेताओं के नाम छांटना चाहते हैं। – दीपक बावरिया प्रदेश प्रभारी,कांग्रेस –