2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत 22 विधायकों के कांग्रेस छोड़ भाजपा में जाने का खामियाजा कांग्रेस को बड़े भूगतान के रूप में भुगतना पड़ा था। इसी के बाद से राजनीतिक दलों में नेताओं का दल बदल का सिलसिला लगातार जारी है। इसी कड़ी में अविभाजित मध्य प्रदेश के भाजपा प्रदेश अद्यक्ष रहे नंदकुमार सिंह साय के कांग्रेस में शामिल होने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने एक बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि, ये तो अभी ट्रेलर है। साथ ही, उन्होंने पूर्व मंत्री दीपक जोशी को लेकर भी इशारा दिया है। कमलनाथ ने ये भी कहा कि, आने वाले सभी के लिए कांग्रेस के द्वार खुले हैं। इससे ये तो साफ है कि, कांग्रेस जहां एक तरफ पार्टी में बगावत रोकने में जुटी है तो वहीं, दूसरे दलों के नेताओं को आमंत्रण देकर खुद को और मजबूत करने का काम भी कर रही है।
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दिग्विजय ने दो दावेदारों को बुलाया मंच पर
इसी के साथ कांग्रेस का खास फोकस मध्य प्रदेश की उन सीटों पर है, जहां पार्टी को पिछले विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था। इसी के चलते दिग्विजय सिंह नीमच जिले के अंतर्गत आने वाली जावद विधानसभा सीट के ब्लॉक, मंडल, सेक्टर और बीएलए कार्यकर्ताओं की बैठक लेने पहुंच गए। इस सीट पर बीते तीन चुनाव में कांग्रेस को नाराज नेताओं की बगावत का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। बैठक में दिग्विजय सिंह ने कार्यकर्ताओं की मंशा भापकर यहां से विधानसभा की दावेदारी जता रहे सत्यनारायण पाटीदार और राजकुमार अहीर को मंच पर बुलाया और दो टूक कहा कि, वे सबके सामने कसम खाकर ऐलान करें कि, टिकिट किसी को भी मिले वो निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ेंगे।
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दावेदारों ने मंच पर आकर किया ऐलान
मंच पर मौजूद वरिष्ठ नेता रामेश्वर निखरा, जिला प्रभारी नूरी खान की मौजूदगी में पाटीदार और अहीर ने मंच पर आकर अपने अपने इष्टदेव और परिजन की कसमें तो खाई ही, साथ ही ये ऐलान भी किया कि, कांग्रेस क्षेत्र में किसी को भी उम्मीदवार चुने, वो न तो निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे, बल्कि उम्मीदवार को जिताने में जी-जान भी लगा देंगे। हालांकि, खुद का किला बचाकर दूसरे का किला ढहाने वाली कांग्रेस की ये रणनीति कितनी कारगर साबित होती है, ये तो आने वाले चुनाव परिणाम से ही पता चल सकेगा।