बताया जा रहा है कि प्रदेश की कमान सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को सौंपी जा सकती है। इसके अलावा प्रदेश के अन्य नेताओं में सामाज्स बैठाने की जिम्मेदारी कांग्रेंस विधि विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष विवेक तनखा को दी जा सकती है।
बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पहले की दिल्ली में मध्यप्रदेश को लेकर हाईकमान की बैठक हुई थी। जानकारी के अनुसार यह बैठक तब हुई जब कांग्रेस अध्यक्ष न्याय यात्रा कर रहे थे। बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। जिसमें मध्यप्रदेश के नेतृत्व परिवर्तन को लेकर भी बात की गई। कुछ समय पहले भी वरिष्ठ नेता और सांसद कमलनाथ का नाम नए अध्यक्ष के रूप में सबसे आगे बताया जा रहा है। जो कि किसी रणनीति के तहत किया जा रहा था।
जताई जा रही है ऐसी संभावना
जानकारी के अनुसार कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में चुनाव जीतने के लिए कई बदलाव किए हैं। जिसमें वरिष्ठ नेता कमलनाथ सिंह को अध्यक्ष और प्रदेश की कमान ज्योतिरादित्य सिंधिया को देने की संभावना जताई जा रही है। दूसरी और कांग्रेस के अन्य नेताओं का नेतृत्व करने और उनके बीच समन्वयय स्थापित करने का जिम्मा विवेक तन्खा को कॉर्डीनेटर बनाया जा सकता है।
चुनावी फेरबदल के चलते कुछ दिनों पहले ही कमलनाथ सिंह और दिग्विजय सिंह ने शंकराचार्य से मिले और उनका आर्शीवाद लिया। ।
कांग्रेस सरकार द्वारा बदलाव का मुख्य कारण विधानसभा चुनाव हैं। कांग्रेस नेताओं के बीच उचित संचार की कमी है। जिसकी कमी पार्टी में स्पष्ट रूप से नजर आ रही है। संचार के अभाव को पूरा करने के लिए अलग-अलग नेताओं से अलग-अलग कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है।
दूसरी और पार्टी का कोई भी सदस्य इस मुद्दे पर स्पष्ट राय नहीं दे रहा है। पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया का कहना है कि मैं इस फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। जब उचित समय आएंगा आपको अपने आप पता चल जाएंगा।